राहतः सील पड़ी 1600 संपत्तियों की डी-सीलिंग के आदेश, स्थायी समिति ने लोकहित में लिया बड़ा फैसला

भाजपा पार्षद मनीष चौधरी ने कहा कि एक व्यक्ति जिसकी संपत्ति वर्ष 2018 में पूरी कालोनी का खसरा नंबर एक होने की वजह से सील कर दिया। निगम ने माना है कि वह संपत्ति सील नहीं होनी चाहिए थी बावजूद इसके अभी तक इसकी सील नहीं खुली हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 08:29 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 08:30 PM (IST)
राहतः सील पड़ी 1600 संपत्तियों की डी-सीलिंग के आदेश, स्थायी समिति ने लोकहित में लिया बड़ा फैसला
निगम ने अपने-अपने स्तर पर सील की थी संपत्तियां।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में सीलिंग का मुद्दा गर्माया। सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष के पार्षदों ने एक स्वर में सील हुई संपत्तियों की डी-सीलिंग(सील खोलने) की मांग की। पार्षदों का आरोप था कि निगम के अधिकारियों ने आधी-अधूरी जानकारी होने पर इन संपत्तियों को गलत तरीके से सील कर दिया। जबकि कई संपत्तियां ऐसी हैं जिनको अधिकारियों ने माना है कि वह गलत तरीके से सील हुई है बावजूद इसके लिए लोगों को डी-सीलिंग के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इस पर स्थायी समिति के अध्यक्ष ने 15 दिन के भीतर सभी 1667 संपत्तियों को डी-सीलिंग पर फैसला लेने के निर्देश दिए हैं।

पार्षदों का आरोप गलत तरीके हुई हैं संपत्तियां सील

भाजपा पार्षद मनीष चौधरी ने कहा कि एक व्यक्ति जिसकी संपत्ति वर्ष 2018 में पूरी कालोनी का खसरा नंबर एक होने की वजह से सील कर दिया। निगम ने माना है कि वह संपत्ति सील नहीं होनी चाहिए थी, बावजूद इसके अभी तक इसकी सील नहीं खुली हैं। वह लोग निगम के दफ्तर के चक्कर लगाने पर मजबूर हैं।

कुछ लोगों की समस्या को देखते हुए लिया गया फैसला

इसी तरह राजेश लावड़िया ने भी गलत तरीके से सील हुई संपत्तियों को उपायुक्त स्तर पर ही डी-सील करवाने के निर्देश देने की मांग की। आम आदमी पार्टी के पार्षद विक्की गुप्ता, अजय शर्मा ने गलत तरीके से सील हुई संपत्तियों को जल्द से जल्द डी-सील करने की मांग की। स्थायी समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन ने कहा पार्षदों की मांग पर निगमायुक्त को निर्देश दिए कि ऐसी 1667 संपत्तियों को डी-सील करने पर 15 दिन के भीतर फैसला लें। अगर, कोई संपत्ति डी-सील नहीं हो सकती है तो उसका कारण स्थायी समिति को बताया जाए। जैन ने कहा कि लोगों को दिक्कत न हो इसलिए जोन स्तर पर भी संपत्तियों को डी-सील करने पर फैसला लिया जाए।

जर्जर इमारतें नहीं गिरा रहा है निगम

मंगलवार रात को सीताराम बाजार में गिरी तीन मंजिला जर्जर इमारत का मुद्दा उठाते हुए भाजपा पार्षद अंजू जैन ने कहा कि जो इमारत गिरी हैं उसके लिए वर्ष 2015 में गिराने के लिए संपत्ति मालिक ने राशि निगम को जमा करा दी है। बावजूद इसके जर्जर इमारत नहीं गिराई जा सकी। उन्होंने कहा अगर किसी की जान का नुकसान हो जाता तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होता। ऐसे में अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

सब्जी मंडी इलाके में परिवार को मुआवजा देने का आदेश

सब्जी मंडी में गिरी इमारत में दो बच्चों की जान जाने पर परिवार को मुआवजा देने का विक्सी गुप्ता के प्रस्ताव को स्थायी समिति ने मंजूर कर लिया है। समिति ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए मौन रखा। साथ ही अध्यक्ष जोगीराम जैन ने निगमायुक्त को निर्देश दिए कि सहायता राशि तय कर परिवार को दी जाए।

chat bot
आपका साथी