अरावली वन क्षेत्र से सभी अतिक्रमण हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हड़कंप, नेताओं के अवैध फार्म हाउस भी टूटेंगे
खोरी के साथ अगले चार सप्ताह में जो अतिक्रमण हटाए जाने हैं उनमें गुरुग्राम-फरीदाबाद में बने अवैध फार्म हाउस भी शामिल हैं। ये अवैध फार्म हाउस ऊंची पहुंच वाले लोगों के अलावा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के भी हैं।
नई दिल्ली/फरीदाबाद/गुरुग्राम [बिजेंद्र बंसल]। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन को अरावली के वन क्षेत्र से सभी अतिक्रमण हटाने होंगे। खोरी के साथ अगले चार सप्ताह में जो अतिक्रमण हटाए जाने हैं, उनमें गुरुग्राम-फरीदाबाद में बने अवैध फार्म हाउस भी शामिल हैं। ये अवैध फार्म हाउस ऊंची पहुंच वाले लोगों के अलावा सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के भी हैं। इस आदेश के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें कि हरियाणा सरकार भाजपा विधायक सीमा त्रिखा को विधानसभा में और आइएएस अधिकारी अशोक खेमका को एक आरटीआइ के तहत यह जानकारी दे चुकी है कि पिछले 20 साल में अरावली के वन क्षेत्र में 60 अवैध फार्म हाउस बने हैं। इनमें 50 फरीदाबाद में हैं और 10 गुरुग्राम में हैं। यह जानकारी मार्च 2020 की है।
गूगल अर्थ वेबसाइट के रिकार्ड पर जाएं तो पिछले 20 साल में अरावली क्षेत्र में बड़खल से सूरजकुंड और फरीदाबाद से गुरुग्राम क्षेत्र का नक्शा ही बदल गया है। इतना ही नहीं फरीदाबाद व गुरुग्राम महानगरों के नगर निगम प्रशासन भी कोरोना से पहले स्थानीय स्तर पर अवैध फार्म हाउस की संख्या गुरुग्राम में 120 और फरीदाबाद में 150 अवैध फार्म हाउस बता चुके हैं। कोरोना महामारी के दौरान लाकडाउन में इनकी संख्या और बढ़ी है।
पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं वास्तविक अपराधी
वन क्षेत्र की भूमि पर बसी खोरी बस्ती के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अन्य सभी अतिक्रमण हटाने के आदेश दे दिए हैं। लेकिन अभी तक उन लोगों या सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए पहल नहीं हुई है, जिन्होंने सरकारी जमीन पर खोरी जैसी बस्ती बसाने में तमाम नियम-कायदे तार-तार कर दिए। खोरीवासियों के अनुसार इनकी संख्या 50 से अधिक है मगर इनमें से 31 के खिलाफ उन्होंने शिकायत दी है। जिन पर पुलिस ने एफआइआर भी दर्ज की है। लेकिन पिछले छह सप्ताह के दौरान पुलिस इनको पकड़ नहीं सकी।
फरीदाबाद पुलिस की उपायुक्त डाक्टर अंशु सिंगला के अनुसार 31 एफआइआर अभी की गई हैं और पांच एफआइआर पहले की हैं। पहले की एफआइआर में गिरफ्तार लोग अदालत से जमानत पर हैं। नई एफआइआर के आरोपियों में से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अभी पुलिस प्रशासन नगर निगम प्रशासन का खोरी में अतिक्रमण हटाने में सहयोग कर रहा है। नगर निगम की आयुक्त गरिमा मित्तल भी यही कह रही हैं कि अरावली के वन क्षेत्र में खोरी या अन्य अतिक्रमण के लिए जिम्मेदारी अधिकारियों को भी सूचीबद्ध नहीं किया गया है। उनका पहला फोकस सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाना है।