Open Book Exam 2020: राजनीति विज्ञान की परीक्षा में छात्रों को दिया गया मॉक टेस्ट का पेपर
राजनीति विज्ञान आनर्स की परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट का पेपर भेज दिया गया। करीब दस मिनट बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोबारा पेपर अपडेट किया।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ओपन बुक परीक्षा के चौथे दिन एक अजीब वाकया पेश आया। हुआ यूं कि राजनीति विज्ञान आनर्स की परीक्षा के लिए मॉक टेस्ट का पेपर भेज दिया गया। करीब दस मिनट बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोबारा पेपर अपडेट किया। इस समय तक अधिकतर छात्र लिखना शुरू कर चुके थे। इसलिए बहुत से छात्रों को पेपर बदले जाने की बात बहुत देर से पता चली। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्रों को 30 मिनट अतिरिक्त समय दिया गया था।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को राजनीति विज्ञान, आनर्स की ओपन बुक परीक्षा होनी थी। छात्रों को तय समय पर पेपर भी मिल गया। लेकिन करीब दस मिनट बाद कुछ छात्रों को अध्यापकों ने फोन करके बताया कि ये दूसरे चरण के मॉक टेस्ट का पेपर आ गया है। परीक्षा के पेपर दोबारा अपलोड किए गए हैं। शरण्या झा कहतीं हैं कि यह बहुत गलत है। पहले जब पेपर मिला तो हमने अध्यापकों से बात की। पहले पहल तो उन्होने कहा कि कोई बात नहीं जो पेपर आए हैं, उसका उत्तर दो। लेकिन उसके बाद अचानक पेपर ही बदल दिया गया। उस समय तक मैं पहले प्रश्न का उत्तर लिख चुकी थी। वहीं कई ऐसे भी छात्र थे, जिन्हें पेपर दोबारा बदले जाने की बात बहुत देर में पता चली। तब तक तो वो मॉक टेस्ट का पेपर ही लिख रहे थे।
वहीं चौथे दिन भी छात्रों को पेपर अपलोड करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई छात्रों ने शिकायत की कि पहले तो उत्तर पुस्तिका डीयू प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए पोर्टल पर अपलोड करके भेजने की कोशिश की गई। लेकिन जब यह सफल नहीं हो पाया तो ईमेल किया गया। हालांकि ईमेल विश्वविद्यालय प्रशासन को मिला या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है। इस वजह से छात्र भी असमंजस में पड़े हुए हैं।
दो दिन पहले ही छात्रों को ईमेल कर दिया प्रश्न पत्र
वहीं, स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के छात्र शुक्रवार को उस समय हतप्रभ रह गए जब दो दिन बाद होने वाली परीक्षा के पेपर उन्हें ईमेल किए गए। दरअसल बीए प्रोग्राम तृतीव वर्ष के छात्रों का 16 अगस्त यानी रविवार को (इंटरनेशनल रिलेशन)अंतरराष्ट्रीय संबंध का पेपर होना है। लेकिन शुक्रवार की सुबह सात बजे छात्रों को एक ईमेल मिला। जिसमें पेपर डाउनलोड करने के लिए भी दिया गया था।
छात्रों ने क्लिक किया तो पेपर भी डाउनलोड हो गया। छात्रा दिव्या ने बताया कि सुबह जब ईमेल मिला तो समझ नहीं आया कि क्या करुं। परीक्षा दो दिन बाद जो होनी थी। असमंजस यह थी कि यदि पेपर दूं तो पता नहीं पोर्टल पर अपलोड होगा या नहीं। और अगर पेपर ना दूं तो कहीं नुकसान ना हो जाए। हालांकि बाद में मैंने पेपर नहीं दिया। इस बारे में विश्वविद्यालय का पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।