Online Fraud : लाकडाउन में आनलाइन ठगी के मामले बढ़े, बदमाश तरीके बदल-बदल कर आजमाते हैं हाथ
दिल्ली पुलिस लगातार बढ़ते साइबर ठगी के मामलों को लेकर गंभीर है। इसके बावजूद ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। लाकडाउन के कारण लोग आनलाइन पैसों का लेनदेन अधिक कर रहे हैं। साइबर ठग इस मौके से बखूबी फायदा उठा रहे हैं।
नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। साइबर ठग अब बिना ओटीपी जाने ही बैंक खातों में सीधे सेंध लगा रहे हैं। दिल्ली पुलिस लगातार बढ़ते साइबर ठगी के मामलों को लेकर गंभीर है। इसके बावजूद ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। लाकडाउन के कारण लोग आनलाइन पैसों का लेनदेन अधिक कर रहे हैं। साइबर ठग इस मौके से बखूबी फायदा उठा रहे हैं। ठग बैंक का प्रतिनिधि बनकर लोगों से केवाइसी के नाम पर जानकारी लेकर बैंक खाते साफ कर रहे हैं।
खास बात यह है कि ठग पीड़ितों से ओटीपी नहीं पूछते, जिससे पीड़ितों को ठगी होने का शक नहीं होता, जबकि ओटीपी हासिल करने के लिए ठग पीड़ितों के मोबाइल या लैपटाप पर रिमोट एप डाउनलोड करवाते हैं। यह रिमोट एप डाउनलोड होने बाद मोबाइल या लैपटाप के स्क्रीन का लाइव ठग को भेज देता है, जिसे ठग बिना ओटीपी पूछे ही पीड़ितों के मोबाइल या लैपटाप की स्क्रीन में ओटीपी को देख लेता है।
ऐसे में ठग बड़ी आसानी से ओटीपी का इस्तेमाल कर बैक खाते में सेंध लगा देता हैं। पुलिस को दी शिकायत में 30 वर्षीय मोहित ने बताया कि ठगों ने काल कर बताया कि उनका एटीएम कार्ड केवाइसी नहीं होने के चलते ब्लाक होने वाला है। कोरोना संक्रमण के चलते अभी आनलाइन केवाइसी ही हो रही है। ठग ने पीड़ित से कहा कि इसके लिए उन्हें ओटीपी नहीं बताना है, केवल उसके भेजे गए एक एप को डाउनलोड करना है।
मोहित ने उसकी बातों में आकर लिंक से भेजे गए एप को डाउनलोड कर लिया। इसके डाउनलोड होने के कुछ मिनट बाद उनके बैंक खाते से तीन बार में 86 हजार रुपये निकल गए। ठगी जानकारी होने के बाद उन्होंने साइबर सेल में मामले की शिकायत किया है।
इन बातों का रखें ध्यान
बैंक की ओर से कभी भी आनलाइन केवाइसी नहीं की जाती।
किसी भी अंजान व्यक्ति के भेजे गए लिंक पर क्लिक न करें और न ही किसी एप को।
अपने बैंक खाते से संबंधित जानकारी किसी को भी न दें।
ठगी का शिकार होने पर नजदीकी थाने में शिकायत करें। साथ ही अपना बैंक खाता या एटीएम कार्ड तुरंत बंद करवाएं।-
इंटरनेट पर मौजूद सभी बात पर विश्वास न करें।