राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने हलफनामा देकर दिल्ली हाईकोर्ट में दी दलील, जानिए क्या कहा

केंद्र सरकार ने कहा कि सार्वजनिक हित व राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर अंतरराष्ट्रीय-सीमा प्रभाव के मद्​देनजर राष्ट्रीय राजधानी के सामने आने वाली विविध कानून-व्यवस्था की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अस्थाना की पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति की गई है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 06:32 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 11:28 AM (IST)
राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर दायर जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने हलफनामा देकर दिल्ली हाईकोर्ट में दी दलील, जानिए क्या कहा
गुजरात कैडर के आइपीएस राकेश अस्थाना की नियुक्ति को दी गई है चुनौती।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। गुजरात कैडर के आइपीसी अधिकारी राकेश अस्थाना की बतौर दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्ति का बचाव करते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने कहा कि सार्वजनिक हित व राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर अंतरराष्ट्रीय-सीमा प्रभाव के मद्​देनजर राष्ट्रीय राजधानी के सामने आने वाली विविध कानून-व्यवस्था की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अस्थाना की पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति की गई है।

अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर गृह मंत्रालय के सचिव ने अधिवक्ता अमित महाजन के माध्यम से हलफनामा दाखिल किया। केंद्र ने कहा कि उसे दिल्ली के पुलिस बल के प्रमुख के रूप में एक व्यक्ति को नियुक्त करने की बेहद जरूरत महसूस हुई, जिसके पास एक बड़े राज्य में राजनीति के साथ सार्वजनिक व्यवस्था वाले बड़े पुलिस बल का नेतृत्व करने का विविध व विशाल अनुभव रहा हो। इसके साथ ही केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआइ) के साथ-साथ अर्ध-सैन्य बलों में काम और पर्यवेक्षण करने का अनुभव रहा हो।

केंद्र ने कहा कि अस्थाना के नाम पर विचार की वजह यह थी कि देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली सार्वजनिक कानून-व्यवस्था की स्थिति, पुलिस के विविध मुद्दों और अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रही है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय निहितार्थ भी शामिल हैं। केंद्र ने कहा कि सभी नियमों व विनियमों का ईमानदारी से पालन करने के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में अस्थाना की नियुक्ति की गई है, ऐसे में इसमें कोई दोष नहीं है।

याचिकाकर्ता सदरे आलम ने अस्थाना की नियुक्ति से जुड़े 27 जुलाई के गृह मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी है और इसे रद करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सेवानिवृत्त होने से चार दिन पहले आतंरिक कैडर प्रतिनियुक्ति और सेवा विस्तार निमयों का उल्लंघन है। अस्थाना 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। इस मामले में गैर सरकारी संगठन सेंटर फार पब्लिक इंट्रेस्ट (सीपीआइएल) ने भी नियुक्ति को चुनौती देते हुए वहीं, केंद्र ने याचिका काे कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताते हुए कहा कि जनहित याचिका विचार योग्य नहीं है। मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन संबंधित पीठ के उपलब्ध न होने के कारण अब इस पर 20 सितंबर को सुनवाई होगी।

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