OMICRON VARIENT: एयरपोर्ट पर यात्रियों को अखर रहा घंटों का इंतजार, दो तरह की जांच के लिए अलग-अलग रेट

यात्रियों का कहना है कि वे एक ही जांच को दो बार क्यों कराएं। एक ही तरह की जांच के लिए दो तरह के अलग- अलग शुल्क लिए जा रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों है? यदि जांच जरूरी है तो एयरपोर्ट पर अलग व्यवस्था करनी चाहिए।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 07:05 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:05 PM (IST)
OMICRON VARIENT: एयरपोर्ट पर यात्रियों को अखर रहा घंटों का इंतजार, दो तरह की जांच के लिए अलग-अलग रेट
यात्रियों को आरटीपीसीआर जांच के नतीजों के लिए अधिकतम सात घंटों तक करना पड़ रहा इंतजार

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विदेश से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर इंतजार करना अखर रहा है। कोरोना जांच की प्रक्रिया पूरी करने के बाद टर्मिनल से बाहर निकल रहे यात्रियों के चेहरे पर घंटों इंतजार की नाराजगी साफ साफ नजर आती है। यात्रियों की पहली आपत्ति जहां एयरपोर्ट पर जांच कराने से है तो दूसरी आपत्ति का कारण जांच के नतीजों तक इंतजार और इसके लिए शुल्क अदा करना है। यात्रियों का कहना है कि वे एक ही जांच को दो बार क्यों कराएं। एक ही तरह की जांच के लिए दो तरह के अलग अलग शुल्क लिए जा रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों है? यदि जांच जरूरी है तो एयरपोर्ट पर ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि जांच के लिए यात्रियों को घंटों का इंतजार नहीं करना पड़े।

टर्मिनल 3 के आगमन द्वार के सामने दर्शन सिंह सुबह नौ बजे से अपनी बेटी के परिवार के बाहर निकलने का इंतजार कर रहे थे। इनकी बेटी स्पेन से अपने पति व बच्चों के साथ लंबे समय बाद भारत लौटी। सुबह नौ बजे से हो रहा इंतजार चार बजे खत्म हुआ। दर्शन सिंह की बेटी जब आगमन द्वार से बाहर निकली तो पिता को सामने देख रोने लगी। उन्होंने बताया कि स्पेन में उन्होंने यात्रा के लिए जरूरी जांच कराई थी। लेकिन उस जांच का कोई महत्व नहीं रहा। यहां आने पर उन्हें फिर से वही जांच करानी पड़ी।

सुबह नौ बजे से पूरा परिवार जांच के नतीजों की प्रतीक्षा में जुटा रहा, ताकि उन्हें टर्मिनल से बाहर निकलने की इजाजत मिले। बच्चे भूख से रो रहे थे। यहां मोबाइल का सिम काम नहीं कर रहा था कि हम अपने स्वजन से संपर्क कर सकें। कई बार इस बात की भी कोशिश की गई कि रैपिड पीसीआर जांच कराके फौरन यहां से निकला जाए। लेकिन इतने पैसे नकद नहीं थे। सिम काम नहीं कर पाने के कारण हम आनलाइन भुगतान भी नहीं कर पा रहे थे। बार बार की मिन्नत के बाद बावजूद हमें जांच के नतीजों के लिए कम से कम साढ़े छह घंटे का इंतजार करना पड़ा।

टर्मिनल 3 के आगमन द्वार से निकलने वाले अधिकांश यात्री अपनी पीड़ा को इसी तरह बयां करते हैं। पुर्तगाल से लौटे एक परिवार की आपत्ति ही यही थी कि यदि यहां हमारे लिए जांच जरूरी ही है तो फिर पुर्तगाल में जो हमने जांच कराई, उसका क्या तुक था। वहां जो हमने भुगतान किया, उसका क्या कोई भुगतान करेगा। अधिकांश यात्रियों का कहना था कि एक व्यवस्था के तहत यदि आप हवाई यात्रा की मंजूरी किसी देश के यात्री को देते हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यात्री को एक ही तरह की जांच की प्रक्रिया से दो बार नहीं गुजरना पड़े और दोनों बार भुगतान नहीं करना पड़े।

कई यात्री अपनी नाराजगी जताते हुए कह रहे थे कि जरूरी नहीं कि हर यात्री के पास इतने पैसे हों कि वह रैपिड पीसआर जांच ही करवा सके। जब इस बाबत कोई यात्री अपनी मजबूरी एयरपोर्ट पर तैनात कर्मचारियों को बताने की कोशिश करता है तो उसकी कोई भी कुछ सुनने को तैयार नहीं होता।

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