Omicron Variant: लोगों को डरने की नहीं, बल्कि और अधिक सतर्क रहने की जरूरत

संक्रमण को रोकने केलिए लाकडाउन उपाय नहीं है। इसलिए जरूरी है कि जिस तरह से हमने पहली और दूसरी लहर के दौरान देखा कि बिना मास्क व शारीरिक दूरी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की उसी तरह से एक बार फिर से सख्ती बरतनी होगी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 12:46 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 03:05 PM (IST)
Omicron Variant: लोगों को डरने की नहीं, बल्कि और अधिक सतर्क रहने की जरूरत
कोरोना के नए वैरिएंट से डरने की नहीं बल्कि अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

नई दिल्ली [मोहम्मद बिलाल]। कोरोना से बचाव के लिए हम जो उपाय पूर्व में करते आए हैं, उन्हीं पर एक बार फिर सतर्कता के साथ अमल करना होगा। सरकार-प्रशासन को अतिरिक्त सख्ती बरतनी होगी, क्योंकि संक्रमण की दूसरी लहर के करीब सात माह बाद लोग पूरी तरह से बेफिक्र हो चुके हैं। पार्टी एवं अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में जाने वाले लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं। दो गज की दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं। बाजार, माल, रेल-बस स्टेशन, सरकारी कार्यालयों, दफ्तर आदि में लोग अब संक्रमण को कमजोर मानकर चल रहे हैं।

संक्रमितों के संपर्क में आए लोग आइसोलेट होने के बजाय खुलेआम घूम रहे हैं। निश्चित रूप से आने वाले समय में यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। संक्रमण को रोकने केलिए लाकडाउन उपाय नहीं है। इसलिए जरूरी है कि जिस तरह से हमने पहली और दूसरी लहर के दौरान देखा कि बिना मास्क व शारीरिक दूरी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की उसी तरह से एक बार फिर से सख्ती बरतनी होगी। नए वैरिएंट का प्रभाव कम रहे इसलिए कदम तत्काल उठाने होंगे। जितनी इसमें देरी की जाएगी उसका खामियाजा आमजन के साथ सरकार को ही भुगतान होगा।

शोध के मुताबिक जिन लोगों ने वैक्सीन ली है उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ रही है। संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा माध्यम सावधानी बरतना और वैक्सीन ही है। जिन लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवाई है, वह तुरंत वैक्सीन लगवा लें। मास्क और शारीरिक दूरी का पालन करें। वैक्सीन वाले लोगों को भी संक्रमण होने की संभावना होती है, लेकिन संक्रमण बहुत हल्का होता है।

क्रोनिक बीमारियों से ग्रस्त को ज्यादा खतरा : यह बात समझनी होगी कि कोरोना संक्रमण चार-पांच साल से पहले पूरी तरह खत्म नहीं होने वाला है। यह आने वाली दिनों में डेंगू, मलेरिया व अन्य वायरल, फ्लू की तरह हो जाएगा। लोगों को इस बार कोरोना से डरने की जरूरत नहीं, बल्कि उससे सतर्क होने की जरूरत है। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की गाइडलाइंस का पालन किया जाए तो यह बीमारी पास भी नहीं फटकेगी।

भारत में अभी तक देखा गया है कि कोरोना से तीन प्रतिशत लोगों की मौत हुई है। यह वैसे लोग थे जिनकी उम्र 60 से अधिक व साथ में किसी क्रोनिक बीमारी से ग्रस्त थे। जैसे मधुमेह, हाइपरटेंशन, हृदय रोग, कैंसर, किडनी, लिवर आदि। बाकी के 97 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो जाते हैं। वैसे भी भारत युवाओं का देश है। कोरोना पूरी दुनिया में फैला हुआ है इसलिए इसे लेकर घबराना नहीं है। अगर कोई संक्रमित भी हो गया है तो उसे डरने की जरूरत नहीं है। डाक्टर, नर्स आपकी सेवा में तैनात हैं, उनका सहयोग करें।

(डा जीसी वैष्णव, ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर एंड मेडिकल एडवाइजर, यथार्थ अस्पताल)

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