Bharat Bandh: 'भारत बंद' से पुरानी दिल्ली के बाजारों ने बनाई दूरी, चावड़ी बाजार में दिखा हल्का असर

Bharat Bandh कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के मौजूदा प्रविधानों से कारोबारियों को दिक्कतों का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को इस बंद का आह्वान किया गया था।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:57 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:57 AM (IST)
Bharat Bandh:  'भारत बंद' से पुरानी दिल्ली के बाजारों ने बनाई दूरी,	चावड़ी बाजार में दिखा हल्का असर
बंद के अंदेशे के चलते दूसरे राज्यों से ग्राहक आम दिनों के मुकाबले कम आए।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 'भारत बाजार बंद' का शुक्रवार को पुरानी दिल्ली में आंशिक असर दिखा। अधिकतर बाजार खुले रहे। चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, सदर बाजार व खारी बावली समेत अन्य थोक बाजारों में सामान्य दिनों की तरह ही कामकाज हुआ। चावड़ी बाजार में जरूर बंद का थोड़ा असर दिखा। वहीं, अन्य बाजारों में 80 से 90 फीसद दुकानें खुली रहीं। कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की ओर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के मौजूदा प्रविधानों से कारोबारियों को दिक्कतों का हवाला देते हुए इस बंद का आह्वान किया गया था। पुरानी दिल्ली के बाजारों के कारोबारी संगठन जीएसटी के क्रियान्वयन तथा इसके मौजूदा प्रविधानों से दिक्कतें बढ़ने से चिंतित जरूर हैं, पर वह बाजार बंद के समर्थन में नहीं थे। इसे लेकर भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) व चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) की ओर से कुछ दिन पहले दिल्ली के विभिन्न बाजारों के कारोबारी नेताओं के बीच बैठक कर रायशुमारी की गई थी, जिसमें उन्होंने लाकडाउन और कोरोना तथा अब कृषि कानून विरोधी आंदोलन से कारोबार प्रभावित रहने का हवाला देते हुए बंद न करने पर जोर दिया था। इसका असर यह रहा कि आम दिनों की तरह ही शुक्रवार को पुरानी दिल्ली के कमोबेश सभी बाजारों में कामकाज हुए। हां, यह जरूर रहा कि बंद के अंदेशे के चलते दूसरे राज्यों से ग्राहक आम दिनों के मुकाबले कम आए।

मिलेगा इंस्पेक्टरराज को बढ़ावा

प्रवीन खंडेलवाल चावड़ी बाजार के हौजकाजी चौक पर व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि जीएसटी के प्रविधानों में हाल ही में किए बदलावों से कर अधिकारियों को अनैतिक शक्तियां दी गई है। इससे इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। इसका उपयोग कर अधिकारियों की ओर से ईमानदार व्यापारियों का उत्पीड़न किया जाएगा। कैट ने मांग की है कि कानून या नियमों में कोई संशोधन से पहले विवादास्पद प्रविधानों को स्थगित किया जाए और व्यापारियों को विश्वास में लेकर ही बदलाव किए जाएं। दिल्ली में बंद के आंशिक असर पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि यह वक्त व्यापारियों को एकजुटता दिखाने की है। वैसे भी, दिल्ली को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में इसका व्यापक असर है। 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठनों के आठ करोड़ से अधिक व्यापारियों ने अपना कारोबार बंद रख 'भारत व्यापार बंद' को समर्थन दिया है।

व्यापारियों के लिए खतरनाक है नए प्रविधान

बृजेश गोयल कश्मीरी गेट पर व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए चैंबर आफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि जीएसटी के मौजूदा स्वरूप ने कारोबारियों की बेचैनी बढ़ा दी है। इसमें कई नए नियम आ रहे हैं जो व्यापारियों की दृष्टि से खतरनाक हैं। इसे वापस लेने व जीएसटी को सरल बनाने को लेकर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा गया है। उनसे मिलने का वक्त मांगा गया है। इस विरोध प्रदर्शन में सीटीआइ के अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल समेत कई व्यापारी भी शामिल हुए। आटोमोटिव पा‌र्ट्स मर्चेट एसोसिएशन, कश्मीरी गेट के अध्यक्ष विनय नारंग ने कहा कि हम जीएसटी के मौजूदा प्रविधानों के खिलाफ है, पर बंद का समर्थन इसलिए नहीं कर रहे हैं कि इससे समस्या का हल नहीं निकलने वाला है।

कनॉट प्लेस व खान मार्केट भी रहे खुले

बंद से कनाट प्लेस, खान मार्केट व करोलबाग समेत कई बाजारों ने भी दूरी बनाए रखी। कनाट प्लेस के कारोबारी संगठन नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने कहा कि जिस मुद्दे पर यह बंद बुलाया गया है, हम उसके समर्थन में हैं, पर कनाट प्लेस को बंद कराना काफी कठिन होता है, क्योंकि यहां आउटलेट्स, आफिस व रेस्तरां हैं। सबको बंद कराना कठिन होता है। वैसे भी पहले इस मुद्दे पर देश व दिल्ली के वित्तमंत्री से संवाद की आवश्यकता है।

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