अब आप मुगलकालीन व बिट्रिशकालीन संरक्षित इमारतों में आने वाले दिनों में ले सकेंगे इन सुविधाओं का लाभ

मुगलकालीन व बिट्रिशकालीन संरक्षित इमारतों में आने वाले दिनों में रेस्तरां में लजीज पकवानों का स्वाद ले सकेंगे। इतना ही गेस्ट हाउस और व्यावसायिक बैंकिंग और क्लीनिक की गतिविधियां भी हो सकेगी। निगम की स्थायी समिति ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर दिया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 03:23 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 03:44 PM (IST)
अब आप मुगलकालीन व बिट्रिशकालीन संरक्षित इमारतों में आने वाले दिनों में ले सकेंगे इन सुविधाओं का लाभ
महरौली की इमारत शुरू किया जाएगा पायलट प्रोजेक्ट, दक्षिणी निगम क्षेत्र में हैं 114 संरक्षित इमारतें।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुगलकालीन व बिट्रिशकालीन संरक्षित इमारतों में आने वाले दिनों में रेस्तरां में लजीज पकवानों का स्वाद ले सकेंगे। इतना ही गेस्ट हाउस और व्यावसायिक बैंकिंग और क्लीनिक की गतिविधियां भी हो सकेगी। निगम की स्थायी समिति ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसकी शुरुआत निगम महरौली स्थित संरक्षित इमारत से करने जा रहा है। जहां पर इस इमारत को किराये पर देकर निगम आय कर सकेगा। फिलहाल इसका किराया तीन लाख रुपये तय किया गया है।

अगर, यह योजना सफल हुई तो निगम के अधीन 114 संरक्षित इमारतों में इसे लागू किया जाएगा। दक्षिणी निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष लेफ्टीनेंट कर्नल बीके ओबराय (सेवानिवृत्त) ने बताया कि आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इसी दिशा में हमने निगम के अधीन आने वाली इमारतों को किराये पर देने की योजना बनाई है। इसकी शुरुआत फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर महरौली स्थित संरक्षित इमारत से की जाएगी। इसमें पहले निगम के संपत्तिकर विभाग का कार्यालय हुआ करता था। इसे बाद में आरकेपुरम स्थानांतरित कर दिया गया। वर्ष 1910 के करीब में यह इमारत बनी थी। 282 वर्ग मीटर क्षेत्र में यह इमारत हैं। इसके लिए तीन लाख रुपये माह का किराया तय किया गया है।

अगर, इस परियोजना का सकारात्मक फीडबैक मिलता है तो अन्य 114 इमारतों में इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह इमारतें निगम के अधिकार क्षेत्र में हैं। वहीं, केंद्र सरकार की संरक्षित इमारतों की सूची में हैं। इन इमारतों की मरम्मत के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिशा-निर्देश बने हैं, अगर इन्हें किराये पर देने के लिए मरम्मत की आवश्यकता होगी तो उसे संबंधित एजेंसी की मदद से कराया जाएगा।

क्या-क्या खोलने की होगी अनुमति

- खुदरा विपणन

- दवाओं और औषद्यियों के थोक विक्रेताओं व व्यापारियों के लिए

- व्यावसायिक कार्यालयों

- दैनिक प्रोयगशाल

- क्लीनिक व पालीक्लीनिक

- मरम्मत व सेवाएं

- बैंक

- एटीएम

- गेस्ट हाउस

- कोचिंग सेंटर व प्रशिक्षण संस्थान

- रेस्तरां-अन्य कोई अनुमत प्रयोग

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