अब सुशांत के पिता को मिली फिल्म न्याय द जस्टिस पर रोक मामले को एकल पीठ के समक्ष ले जाने की अनुमति
सुशांत के पिता कौन होते हैं ये बताने वाले कि फिल्म की गुणवत्ता कैसी होनी चाहिए। तीन लाख लोग आनलाइन फिल्म को देख चुके हैं। सुशांत के पिता ने फिल्म न्याय-द जस्टिस के प्रसारण पर रोक लगाने से इन्कार करने के एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। फिल्म 'द न्याय' को रिलीज करने से रोकने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत के पिता कृष्ण किशोर सिंह को मामले को एकल पीठ के समक्ष ले जाने की अनुमति दी है। न्यायमूर्ति राजीव शकधर व न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने कहा कि सभी पक्षकार एकल पीठ के समक्ष अपने पक्ष रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
कृष्ण किशोर सिंह की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि फिल्म निर्माता ने पीठ के समक्ष गलत जानकारी दी है और डिजिटल प्लेटफार्म पर अपलोड की गई फिल्म में 72 मिनट का कंटेंट गायब है। इस पर पीठ ने कहा कि फिल्म के रिलीज में हुई धोखाधड़ी के संदर्भ में कृष्ण किशोर एकल पीठ के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर करने के लिए स्वतंत्र हैं। वहीं, फिल्म निर्माताओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर लाल ने कहा कि सुशांत के पिता फिल्म की गुणवत्ता को लेकर जज की तरह बर्ताव नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सुशांत के पिता कौन होते हैं ये बताने वाले कि फिल्म की गुणवत्ता कैसी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन लाख लोग आनलाइन फिल्म को देख चुके हैं। सुशांत के पिता ने फिल्म न्याय-द जस्टिस के प्रसारण पर रोक लगाने से इन्कार करने के एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी। दस जून को न्यायमूर्ति संजीव नरूला की एकल पीठ ने याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी मरणोपरांत निजता के अधिकार की अनुमति नहीं है।