दिल्ली पुलिस की नेत्र से अब बच नहीं पाएंगे बदमाश, पांच किलोमीटर के रेंज में हर किसी पर रहेगी नजर

ड्रोन के माध्यम से की गई किसी भी घटना की वीडियोग्राफी से संदिग्धों के खिलाफ सुबूत एकत्र करने और उन्हें पहचानने में मदद मिलेगी। अधिकारियों ने बताया कि कई बार कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जिसकी जांच के लिए सिर्फ लोगों के बयान पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:10 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 08:01 AM (IST)
दिल्ली पुलिस की नेत्र से अब बच नहीं पाएंगे बदमाश, पांच किलोमीटर के रेंज में हर किसी पर रहेगी नजर
ड्रोन जीपीएस और हाई डाइमेंशन कैमरे से लैस हैं।

नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। दिल्ली पुलिस ने भीड़भाड़ वाली जगहों, बड़े समारोह व प्रदर्शन आदि में सुरक्षा के मद्देनजर पहली बार दो अत्याधुनिक ड्रोन खरीदे हैं। इन दोनों ड्रोन का नाम पुलिस ने नेत्र रखा है। इससे पहले पुलिस निजी तौर पर ड्रोन किराये पर लेकर काम चलाती थी। ये ड्रोन जीपीएस और हाई डाइमेंशन कैमरे से लैस हैं। इससे अधिक दूरी तक स्पष्ट वीडियो और फोटो रिकार्ड किया जा सकता है।

सात पुलिसकर्मियों को दिया जा रहा ड्रोन को चलाने का प्रशिक्षण

ड्रोन का संचालन करने का प्रशिक्षण सात पुलिस कर्मियों को दिया जा चुका है। अधिकारियों का कहना है कि यह पुलिस के पायलट प्रोजेक्ट के तहत खरीदे गए हैं। दिल्ली पुलिस के सभी 15 जिलों में एक-एक ड्रोन देने की योजना है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि खुफिया इकाइयों की तरफ से लगातार ड्रोन हमलों व अन्य आतंकी गतिविधियों के होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में दिल्ली पुलिस तकनीकी तौर पर मजबूत होने के लिए विशेष इंतजाम कर रही है।

अब पांच किलोमीटर के दायरे रखी जाएगी नजर

पुलिस अधिकारी ने बताया कि अभी तक इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन की रेंज इतनी अच्छी नहीं होती थी। लेकिन जो ड्रोन खरीदे गए हैं वह पांच किलोमीटर से अधिक के दायरे में अपनी निगहबानी करने में सक्षम है। इसके साथ ही एक से दो किलोमीटर की ऊंचाई व 30 से 40 मिनट तक हवा में रह कर लाइव फोटो व वीडियो को भेज और रिकार्ड कर सकता है। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले पुलिस के पास ड्रोन नहीं थे। बड़े समारोह, प्रदर्शन आदि के लिए ड्रोन किराये पर लिया जाता था। जिसका हर दिन का 25 हजार रुपये किराया देना पड़ता था।

ड्रोन से यह होगा फायदा

ड्रोन के माध्यम से की गई किसी भी घटना की वीडियोग्राफी से संदिग्धों के खिलाफ सुबूत एकत्र करने और उन्हें पहचानने में मदद मिलेगी। अधिकारियों ने बताया कि कई बार कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जिसकी जांच के लिए सिर्फ लोगों के बयान पर ही निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन, ड्रोन से मिलने वाले वीडियो और फोटो को साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल हो सकेंगी। वहीं, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर हुई कोई घटना का में शामिल संदिग्धों का पता भी इससे लगाया जा सकता है।

सिंघु बार्डर, गाजीपुर बार्डर पर किया जा चुका है इस्तेमाल

दोनों ड्रोन का इस्तेमाल पुलिस की तरफ से कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन स्थल पर किया जा चुका है। पुलिस ने सिंघु बार्डर, गाजीपुर बार्डर और जंतर-मंतर पर प्रर्दशन के दौरान दोनों ड्रोन का इस्तेमाल किया जा चुका है।

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