पूर्वी निगम में समितियों के गठन पर टिकीं पार्षदों की निगाहें, अध्यक्ष पद गड़ाए हुए हैं नजर

पूर्वी निगम में स्थायी समिति के गठन के बाद अब पार्षदों की निगाहें अन्य समितियों के अध्यक्ष पद पर टिक गई हैं। अभी करीब 15 समितियों की घोषणा होनी है। निगम चुनाव से पहले यह आखिरी साल है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 02:48 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 02:48 PM (IST)
पूर्वी निगम में समितियों के गठन पर टिकीं पार्षदों की निगाहें, अध्यक्ष पद गड़ाए हुए हैं नजर
पूर्वी निगम में समितियों के गठन पर टिकीं पार्षदों की निगाहें

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। पूर्वी निगम में स्थायी समिति के गठन के बाद अब पार्षदों की निगाहें अन्य समितियों के अध्यक्ष पद पर टिक गई हैं। अभी करीब 15 समितियों की घोषणा होनी है। निगम चुनाव से पहले यह आखिरी साल है। इसमें ऐसे पार्षद अपने लिए अवसर देख रहे हैं, जो पिछले चार सालों में पद से वंचित रह गए हैं। वहीं, पहले से पद पर आसीन पार्षद भी चाहते हैं कि चुनावी साल में वह पद से विमुख न रहें। यही वजह है कि भाजपा के पार्षद इस तरफ नजर गड़ाए हुए हैं।

बता दें, पूर्वी निगम में कुल 28 समितियां हैं। इनमें शाहदरा उत्तरी और दक्षिणी वार्ड समितियों के साथ स्थायी समिति का भी गठन हो चुका है। दस समितियां ऐसी हैं जिनके अध्यक्ष महापौर और उपमहापौर होते हैं। अन्य 15 समितियों का चुनाव होना है। लेकिन इसमें भी शिक्षा समिति के अध्यक्ष के लिए इस बार चुनाव होने के आसार नहीं है।

इसलिए इस वर्ष भी रोमेश गुप्ता ही इसके अध्यक्ष रहेंगे। दरअसल शिक्षा समिति के चार सदस्यों में पहले रोमेश गुप्ता, कुसुम तोमर और राजकुमार बल्लन के रूप में भाजपा के तीन सदस्य थे। आप से रेशमा नदीम है। लेकिन राजकुमार बल्लन के आप में चले जाने से दोनों पार्टियों के अब दो-दो सदस्य हो गए हैं। ऐसे में चुनाव की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है। यानी अब 14 समितियों का चुनाव होना है। लेकिन भाजपा की तरफ से अभी उम्मीदवारों के एलान की कोई सुगबुगाहट नहीं है। मार्च में चुनाव होने की संभावना है, ऐसे में पार्टी पुरानी समितियों को ही बहाल करने का भी फैसला ले सकती है।

इसमें भी पर्यावरण प्रबंधन सेवाएं समिति को नया अध्यक्ष देना पड़ेगा। क्योंकि बीर सिंह पंवार के स्थायी समिति अध्यक्ष बन जाने से यह पद खाली हो गया है। महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल का कहना है कि इस पर पार्टी नेतृत्व को फैसला लेना है। पार्टी जब चाहेगी उम्मीदवार घोषित कर देगी।

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