Coronavirus News In Delhi: दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज, संक्रमितों को बेड मिलना हुआ मुश्किल

Coronavirus News In Delhi कोरोना संक्रमण से राजधानी दिल्ली में हालात बेहद नाजुक होते जा रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ने से अब मरीजों को बेड मिलना भी मुश्किल होने लगा है। स्थिति यह है कि एम्स सहित 52 अस्पतालों में वेंटिलेटर वाले बेड अब खाली नहीं हैं।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 11:23 AM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 11:23 AM (IST)
Coronavirus News In Delhi: दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मरीज, संक्रमितों को बेड मिलना हुआ मुश्किल
कोरोना संक्रमण से राजधानी में हालात बेहद नाजुक होते जा रहे हैं।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात  और मध्य प्रदेश के साथ दिल्ली में भी लगातार कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है।  रविवार को 24 घंटे के दौरान राजधानी दिल्ली में 10732 मरीज मिले हैं। वहीं,  प्रतिदिन मिलने वाले मरीजों की संख्या 15 हजार तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार की नींद उड़ी हुई। इस बाबत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को अहम बैठक बुलाई है। इसमें सुविधाओं को बढ़ाने के साथ नए प्रतिबंधों पर भी चर्चा हो सकती है। इससे पहले रविवार को अरविंद केजरीवाल साफतौर पर कह चुके हैं कि वे दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगाना चाहते हैं, लेकिन हालात काबू नहीं आने पर इस पर विचार किया जा सकता है। 

वहीं, संक्रमण की गति को देखते हुए विशेष मान रहे हैं कि अभी मामले और अधिक तेजी से बढ़ सकते हैं। संक्रमण से राजधानी में हालात बेहद नाजुक होते जा रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों का दबाव बढ़ने से अब मरीजों को बेड मिलना भी मुश्किल होने लगा है। स्थिति यह है कि एम्स सहित 52 अस्पतालों में वेंटिलेटर वाले बेड अब खाली नहीं हैं। वहीं 54 अस्पतालों में वेंटिलेटर वाले आइसीयू बेड भी नहीं बचे हैं। इससे गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर व आइसीयू बेड तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।एक सरकारी अस्पताल सहित 16 अस्पतालों के जनरल वार्ड में भी बेड खाली नहीं है। चिंताजनक यह है कि सात सरकारी अस्पतालों सहित 52 अस्पतालों में वेंटिलेटर खाली नहीं। इसमें एम्स व राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी शामिल है। एम्स ट्रामा सेंटर में सभी 71 वेंटिलेटर भरे हुए हैं। 

बता दें कि दिल्ली में ज्यादातर पीड़ित युवा है। ऐसे में माना जा रहा है कि जो लोग कामकाज के सिलसिले में घर से बाहर निकल रहे हैं, वे कोरोना को फैला भी रहे हैं। 

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