सीबीएसई: अभी नहीं जारी की गई है प्रायोगिक परीक्षाओं की तारीखें

बोर्ड हर साल जनवरी के दूसरे सप्ताह तक बोर्ड की कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित करा लेता है। द्वारका स्थित श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या नीता अरोड़ा के मुताबिक इस बार कोरोना महामारी के कारण हालत सही नहीं हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Mon, 23 Nov 2020 09:47 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 01:10 PM (IST)
सीबीएसई: अभी नहीं जारी की गई है प्रायोगिक परीक्षाओं की तारीखें
बोर्ड ने अभी तारीखों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सत्र 2020-21 की कक्षा 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर लगातार अटकले लगाई जा रही हैं। बोर्ड की जनसंपर्क अधिकारी रमा शर्मा ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया कि बोर्ड ने फिलहाल कक्षा 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर कोई तारीख की घोषणा नहीं की है। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान ये साझा कर रहे हैं कि कक्षा 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं एक से आठ जनवरी के बीच आयोजित की जाएंगी। लेकिन ये जानकारी गलत है। बोर्ड ने अभी तारीखों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है।

उल्लेखनीय है कि बोर्ड हर साल जनवरी के दूसरे सप्ताह तक बोर्ड की कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित करा लेता है। द्वारका स्थित श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या नीता अरोड़ा के मुताबिक इस बार कोरोना महामारी के कारण हालत सही नहीं हैं। जिस भी राज्य में स्कूल खुले हैं वहां पर छात्र कोरोना से संक्रमित हुए हैं।

ऐसे में ये संभव है कि दिल्ली में स्कूल देरी से खुले। लेकिन इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए अगर कक्षा 12वीं की प्रायोगिक परीक्षाओं से जुड़े सवालों को मुख्य परीक्षा के प्रश्न में पूछा जाए तो फिर हड़बड़ी में कक्षा 12वीं की प्रायोगिक परीक्षा कराने की जल्दबाजी भी नहीं रहेगी और छात्रों का कोरोना से संक्रमित होने का खतरा भी टल जाएगा। उनके मुताबिक कक्षा 10वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं तो इस वर्ष न ही आयोजित की जाए तो छात्रों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा।

डीसीएसी के तीन नए पाठ्यक्रमों में दाखिले पर यूजीसी ने जताई आपत्ति

वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दिल्ली कॉलेज ऑफ आ‌र्ट्स एंड कॉमर्स (डीसीएसी) ने 2020-21 शैक्षणिक सत्र में तीन नए पाठयक्रम शुरू किए हैं। इन पाठ्यक्रमों में 75 छात्रों ने दाखिला भी ले लिया है, लेकिन पढ़ाने की जिम्मेदारी ओबीसी विस्तार योजना के तहत नियुक्त शिक्षकों को दे दी जिस पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने आपत्ति जताई है। अब छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो रहे हैं।

हालांकि, डीयू प्रबंधन ने आश्वासन दिया है कि इसी कॉलेज में छात्र पढ़ाई करेंगे। डीयू के प्रवक्ता डॉ. बलराम पाणि ने बताया कि छात्रों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। यूजीसी से अनुरोध करेंगे कि इस निर्णय पर पुनर्विचार किया जाए। हम शिक्षकों से इन छात्रों को मौजूदा कार्यभार के साथ पढ़ाने की भी गुजारिश करेंगे। यूजीसी के ऐतराज की वजहकॉलेज ने इसी शैक्षणिक सत्र से बीए ऑनर्स हिंदी, बीएससी ऑनर्स गणित और बीएससी ऑनर्स कंप्यूटर साइंस पाठ्यक्रमों की शुरुआत की थी।

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