हर कोरोना संक्रमित मरीज के लिए नहीं है रेमडेसिवीर दवा : डाॅ. अरविंद अग्रवाल

डा. अरविंद अग्रवाल ने बताया कि रेमडेसिवीर एंटीवायरल दवा है जो शरीर में वायरस को खत्म करने में कारगर है। पर हर कोरोना संक्रमित मरीज को इसकी जरूरत नहीं है और हर मरीज के लिए यह कोई सफल इलाज का तरीका भी नहीं है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 08:04 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 08:12 PM (IST)
हर कोरोना संक्रमित मरीज के लिए नहीं है रेमडेसिवीर दवा : डाॅ. अरविंद अग्रवाल
बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट में चिकित्सा विशेषज्ञ डा. अरविंद अग्रवाल

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। कोरोना संक्रमण के बढ़े मामलों के बाद बीते कुछ दिनों में रेमडेसिवीर दवा की मांग कई गुना बढ़ गई है, पर यह कोरोना के लिए कोई निर्धारित इलाज नहीं है। बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट में चिकित्सा विशेषज्ञ डा. अरविंद अग्रवाल ने बताया कि रेमडेसिवीर एंटीवायरल दवा है, जो शरीर में वायरस को खत्म करने में कारगर है। पर हर कोरोना संक्रमित मरीज को इसकी जरूरत नहीं है और हर मरीज के लिए यह कोई सफल इलाज का तरीका भी नहीं है। मध्यम, गंभीर (माडरेट) मरीजों के लिए ही रेमडेसिवीर दवा कारगर है, क्योंकि अतिगंभीर मरीजों पर इसके सकारात्मक प्रभाव कम ही देखने को मिले है।

 

इसके अलावा कोरोना संक्रमण के शुरुआती सात दिनों के भीतर यदि गंभीर कोरोना संक्रमित मरीज को रेमडेसिवीर इंजेक्शन के सभी डोज लगा दिए जाए तो मरीज के जीवन की रक्षा की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि इसका लीवर व किडनी पर काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा डब्ल्यूएचओ ने कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज के लिए अभी तक रेमडेसिवीर को एक कारगर इलाज नहीं माना है। भारत में फिलहाल कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए इलाज के लिए तीन प्रक्रिया अपनाई जा रही है, जिसमें रेमडेसिवीर, प्लज्मा थेरेपी व डेक्सामिथासोन शामिल है।

डा. अरविंद ने बताया कि काेरोना संक्रमण से बचाव के लिए फिलहाल मास्क लगाना, शारीरिक दूरी का ध्यान रखना और समय-समय पर हाथों की सफाई इन तीनों नियमों काे आत्मसात करना बेहद अहम है। इसके अलावा जो लोग फिलहाल योग्य है वे हर हाल में टीकाकरण करवाने के लिए आगे आएं।

प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए विटामिन-सी व जिंक युक्त आहार को थाली में शामिल करें। साथ ही खुद को हाइड्रेट रखने के लिए भरपूर पानी का सेवन करें। निंबू का सेवन भी फिलहाल काफी लाभदायक है। इसके अलावा जो लोग हाेम आइसोलेशन में रह रहे है, उनके लिए जरूरी है कि वे 14 दिन नियम का पूरी ईमानदारी से पालन करें। रोजाना कम से कम तीन बार आक्सीजन स्तर को मापते रहे, ताकि समय रहते जरूरत पड़ने पर उचित स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा सके।

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