उत्तरी नगर निगम का खजाना खाली, निगमायुक्त व शिक्षकों को तीन महीने से नहीं मिला वेतन
उत्तरी दिल्ली नगर निगम में एक बार फिर वेतन का बोझ बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि तीन माह से खुद निगमायुक्त को वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा शिक्षकों और विभागाध्यक्ष भी तीन माह से वेतन का इंतजार कर रहे हैं।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में एक बार फिर वेतन का बोझ बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि तीन माह से खुद निगमायुक्त को वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा शिक्षकों और विभागाध्यक्ष भी तीन माह से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। आलम यह है कि यह वेतन कब मिलेगा निगम को खुद इसकी जानकारी नहीं है। अब सब कुछ जनवरी में दिल्ली सरकार से आने वाली आखिरी तिमाही की किस्त पर निर्भर हैं। अगर, उसमें भी देरी हुई तो लंबित वेतन का मामला आगे तक बढ़ सकता है।
इससे पहले जुलाई माह में हालात सामान्य हुए थे। जिसमें सभी कर्मचारी का बकाया वेतन जारी किया गया था। जुलाई के बाद सितंबर-अक्टूबर में फिर से हालात उसी स्थिति पर जा पहुंचे। सितंबर में शिक्षकों और ए समूह के कर्मियों का वेतन लंबित हुआ जो कि अब नंवबर तक लंबति है। उल्लेखनीय है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में करीब 57 हजार कर्मचारी व अधिकारी हैं। इसमें 334 करोड़ राशि वेतन पर प्रतिमाह खर्च होती है ।
शिक्षकों ने आनलाइन शिक्षण किया बंद, आठ को होगा प्रदर्शनतीन माह से वेतन न मिलने पर निगम शिक्षकों ने आनलाइन शिक्षण का कार्य बंद कर दिया है। इसके साथ ही आठ दिसंबर को प्रदेश भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। नगर निगम शिक्षक न्याय मंच के अध्यक्ष कुलदीप खत्री ने कहा कि वेतन न मिलने की वजह से शिक्षक परेशान है। ऐसे में अपने मोबाइल में रिचार्ज कहां से कराए। इसलिए सभी स्कूलों में आनलाइन शिक्षण का कार्य बंद कर दिया है। अगर, जल्द वेतन जारी नहीं हुआ तो आठ दिसंबर को भाजपा दफ्तर के सामने प्रदर्शन होगा। इसके बाद काम बंद हड़ताल भी की जाएगी।
कन्फेडरेशन ने भी दी है हड़ताल की चेतावनी: वेतन और पेंशन बकाया होने की वजह कन्फेडरेशन आफ एमसीडी एम्पलाइज यूनियंस ने काम बंद हड़ताल की चेतावनी भी दे दी है। कन्फेडेरेशन की ओर से निगम प्रशासन को 12 दिसंबर तक का समय दिया गया है। 13 दिसंबर से पूरी तरह काम बंद हड़ताल शुरू हो जाएगी। कन्फेडेरेशन के संयोजक एपी खान ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि वह इस समस्या का स्थायी समाधान करें। इसलिए तीनों निगमों का एक किया जाए।