2 करोड़ी दिल्ली वालों के लिए आई राहत की खबर, पांच साल में कई इलाकों में कम हुआ ध्वनि प्रदूषण

Delhi Noise Pollution Latest News आरकेपुरम में शोरगुल बढ़ा है जबकि नजफगढ़ और अलीपुर अपेक्षाकृत शांत इलाके के तौर पर सामने आए हैं। आनंद विहार सिविल लाइन मंदिर मार्ग पंजाबी बाग और आरकेपुरम में डीपीसीसी काफी पहले से ही ध्वनि प्रदूषण माप रहा है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 11:16 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 12:12 PM (IST)
2 करोड़ी दिल्ली वालों के लिए आई राहत की खबर, पांच साल में कई इलाकों में कम हुआ ध्वनि प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण से चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, कम सुनाई देने की सुनाई देने की समस्या, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां होती हैं।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। प्रदूषण से जंग कर रहे राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए राहत की बात यह है कि अब यहां ध्वनि प्रदूषण में सुधार देखने को मिल रहा है। यह सुधार भले ही राजधानी के कुछ क्षेत्रों में ही देखने को मिल रहा है, लेकिन इससे यह उम्मीद जरूर बंध रही है कि भविष्य में उन क्षेत्रों में भी जागरूकता की ज्योति पहुंचेगी, जहां अभी ध्वनि प्रदूषण से लोग त्रस्त हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के मॉनटरिंग स्टेशनों की हालिया रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है। इसमें बताया गया है कि 2015 के मुकाबले 2019-2020 में ध्वनि प्रदूषण कम हुआ है। 

रात ही नहीं दिन के समय भी ध्वनि प्रदूषण में आई है कमी

आरकेपुरम में शोरगुल बढ़ा है, जबकि नजफगढ़ और अलीपुर अपेक्षाकृत शांत इलाके के तौर पर सामने आए हैं। आनंद विहार, सिविल लाइन, मंदिर मार्ग, पंजाबी बाग और आरकेपुरम में डीपीसीसी काफी पहले से ही ध्वनि प्रदूषण माप रहा है, जबकि 26 मॉनीटरिंग स्टेशन 2019 में लगाए गए थे। ध्वनि प्रदूषण से चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, कम सुनाई देने की सुनाई देने की समस्या, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां होती हैं। पुराने स्टेशनों पर दिन के समय ध्वनि प्रदूषण का सालाना स्तर (डीबी यानी डेसिबल में) इलाका 2015 2019 आनंद विहार 67.8 65.5 सिविल लाइन 62.9 61.0 पंजाबी बाग 63.4 68.4 आर के पुरम 60.3 62.16.7 डीबी तक ध्वनि प्रदूषण 2015 के मुकाबले 2019 में पंजाबीबाग में कम हो गया है। आनंद विहार, मंदिर मार्ग और आरके पुरम में यह कमी एक से 1.5 डीबी दर्ज की गई है।

दिन में यहां ज्याद शोर

2020 में दिन के समय करोल बाग सर्वाधिक शोर वाला इलाका रहा। 71.8 डीबी तक यहां शोर का सालाना स्तर रहा 64.2 डीबी सालाना शोर के स्तर के साथ द्वारका दूसरे नंबर पर 2020 में दिन के समय अलीपुर में सबसे कम शोर का सालाना स्तर 51.6 डीबी रहा है। वहीं, नजफगढ़ में यह 52.5 डीबी दर्ज किया गया।रात में यहां ज्यादा ध्वनि प्रदूषण 64.6 डीबी सालाना ध्वनि प्रदूषण के साथ शाहदरा अव्वल 61 डीबी के साथ करोल बाग दूसरे स्थान पर 59.3 डीबी रहा नरेला में ध्वनि प्रदूषण 2020 में रात का सालाना शोर नजफगढ़ में 49.3 डीबी रहा जो सबसे कम है। वहीं, दूसरे स्थान पर अलीपुर 49.5 डीबी के साथ रहा।

डॉ. एस के त्यागी (पूर्व अपर निदेशक, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) का कहना है कि पहले के मुकाबले दिल्ली में शोर कम होना सुखद है। इसका प्रमुख कारण धीरे धीरे बढ़ रही जन जागरूकता और व्यस्ततम सड़कों व फ्लाइओवरों पर ध्वनि अवरोधक लगाया जाना है। जबकि जिन इलाकों में ध्वनि प्रदूषण बढ़ा है, वहां ट्रैफिक का बड़ी समस्या होना है। इस दिशा में भी उपयुक्त कदम उठाए जाने की जरूरत है।

1,00,000 रुपये तक का जुर्माना

ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियमावली 2000 के तहत लगाया जा सकता है। इसके साथ ही यह गैर जमानती अपराध है, जिसमें पांच साल तक की सजा हो सकती है। ये है ध्वनि प्रदूषण की वजह बढ़ता शहरीकरण, रेल, वायु व सड़क परिवहन , सामाजिक कार्यक्रमों में लाउडस्पीकर का प्रयोग

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