Motor Vehicle Act: दिल्ली समेत देशभर में PUC सर्टिफिकेट पर बढ़ी सख्ती, अब जब्त हो सकता है वाहन

प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट नहीं रहने पर भारी जुर्माने का प्रविधान रिन्यू होने तक नहीं चला सकेंगे वाहन अगर वाहन धुआं उगलता है तो सर्टिफिकेट होने के बावजूद कराना पड़ेगा नया प्रदूषण परीक्षण सर्टिफिकेट पर देनी होगीं मोबाइल नंबर पता इंजन व चेसिस नंबर जैसी सूचना जानकारियां।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 01:16 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 01:40 PM (IST)
Motor Vehicle Act: दिल्ली समेत देशभर में PUC सर्टिफिकेट पर बढ़ी सख्ती, अब जब्त हो सकता है वाहन
सरकार ने मोटर वाहन से जुड़े सभी दस्तावेज की वैधता अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाहन प्रदूषण की अनदेखी अब वाहन मालिकों को भारी पड़ सकती है। सड़क परिवहन मंत्रलय की तरफ से वाहन प्रदूषण सर्टिफिकेट के लिए नए नियम अधिसूचित किए गए हैं। इसके तहत सभी वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) अब देशभर में एक समान होगा। सभी पीयूसी का डाटा सड़क परिवहन मंत्रलय के नेशनल रजिस्टर से जुड़ा होगा, ताकि जरूरत होने पर संबंधित अधिकारी प्रदूषण फैला रहे वाहन मालिक को नोटिस भेज सकें या उन्हें सूचित कर सकें। इससे प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर आसानी से नजर रखी जा सकेगी। इसका एक फायदा यह भी होगा कि पीयूसी की अवधि खत्म होने पर मोबाइल फोन पर संदेश आ जाएगा कि उसका नवीनीकरण कराना है।

प्रदूषण नियम पालन से जुड़े अधिकारी को अगर किसी वाहन के अधिक प्रदूषण फैलाने का शक होता है तो वह वाहन मालिक को वाहन की किसी अधिकृत केंद्र पर दोबारा प्रदूषण जांच कराने का नोटिस भेज सकता है। यह नोटिस इलेक्ट्रॉनिक मोड में या एसएमएस से भेजा जाएगा। अगर वाहन मालिक उस नोटिस का पालन नहीं करता है और निर्धारित समय में वाहन की प्रदूषण जांच नहीं कराता है तो जुर्माना वसूला जा सकता है। हालांकि अभी यह नहीं बताया गया है कि जुर्माने की राशि क्या होगी। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जारी होने तक संबंधित वाहन के पंजीयन या परमिट रद हो सकते है और वाहन जब्त भी किया जा सकता है।

नए नियम के तहत सभी पीयूसी पर वाहन मालिकों की पूरी जानकारी होगी। अब पीयूसी पर वाहन मालिक का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से दिया जाएगा। ओटीपी भेजकर नंबर का सत्यापन किया जाएगा। इसके अलावा पीयूसी के लिए वाहन मालिक का नाम, पता, इंजन और चेसिस नंबर भी अनिवार्य रूप से देने होंगे, जिन्हें पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा।

प्रदूषण जांच के दौरान मानक से अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को विफल होने का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस सर्टिफिकेट को दिखाकर वाहन मालिक सर्विस सेंटर में अपने वाहन के प्रदूषण स्तर को ठीक करा सकते हैं या दूसरे जांच केंद्र में वाहन की प्रदूषण जांच करा सकेंगे। सभी सर्टिफिकेट पर क्यूआर कोड होगा, जिससे उसे जारी करने वाले केंद्र की पूरी जानकारी मिल जाएगी। यह सुविधा पहली बार लागू की जा रही है। वर्तमान में अगर कोई वाहन बिना प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट के चल रहा है तो उसका पता तभी चल पाता है जब चेकिंग होती है। नए नियम के बाद प्रदूषण जांच की जानकारी नेशनल डाटा रजिस्टर में अपडेट होती रहेगी जिससे यह भी पता चल सकेगा कि किन वाहनों की कब से प्रदूषण जांच नहीं हुई है।

नए नियम: प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट नहीं रहने पर भारी जुर्माने का प्रविधान, रिन्यू होने तक नहीं चला सकेंगे वाहन, अगर वाहन धुआं उगलता है तो सर्टिफिकेट होने के बावजूद कराना पड़ेगा नया प्रदूषण परीक्षण, सर्टिफिकेट पर देनी होगीं मोबाइल नंबर, पता, इंजन व चेसिस नंबर जैसी सूचना जानकारियां।

कागजात रहेंगे 30 सितंबर तक वैध: सरकार ने मोटर वाहन से जुड़े सभी दस्तावेज की वैधता अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी है। इनमें ड्राइ¨वग लाइसेंस (डीएल), पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी) और अन्य वाहन शामिल हैं। सड़क परिवहन मंत्रलय के मुताबिक इसमें पिछले वर्ष पहली फरवरी को खत्म हो गई वैधता अवधि वाले सभी दस्तावेज शामिल किए गए हैं। मंत्रलय ने कहा कि कोरोना संकट के चलते लोगों को इन दस्तावेज के नवीनीकरण में हो रही दिक्कतों को देखते हुए अवधि बढ़ाई गई है।

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