दिल्ली HC में आम आदमी पार्टी सरकार ने कहा- राशन वितरण में नहीं किया जा रहा भेदभाव
याचिका में दिल्ली सरकार पर राशन कार्ड धारक व अन्य लोगों के बीच राशन वितरण को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया गया था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नई सोच सोसायटी द्वारा दायर जनहित याचिका पर जवाब दाखिल करते हुए दिल्ली सरकार ने कहा कि राशन वितरण में कार्ड धारक व गैर कार्ड धारक के बीच कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि वह कई केंद्रों पर मजदूरों के लिए भोजन बनवा रही है और लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है।
याचिका में दिल्ली सरकार पर राशन कार्ड धारक व अन्य लोगों के बीच राशन वितरण को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया गया था। साथ ही मांग की गई थी कि दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाए कि लोगों को बिना भेदभाव के राशन दिया जाए व कोरोना वायरस से राहत के लिए किट उपलब्ध कराई जाए।
याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ कहा कि सरकार के जबाव से साफ होता है कि जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं ऐसे में आगे कोई भी निर्देश जारी करने की जरूरत नहीं है।
पीठ ने कहा कि हम दिल्ली सरकार से उम्मीद करते हैं व्यापक स्तर पर लोगों को योजना का लाभ दिया जाए। पीठ ने सरकार से कहा कि वह अपनी योजनाएं जारी रखें और सुनिश्चित करें कि कोई भी भूखा न रहे व योजनाओं का लाभ सभी जरूरतमंदों को दें। पीठ ने उक्त टिप्पणी करते हुए गैर सरकारी संगठन नई सोच सोसाइटी द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा कर दिया।
यहां पर बता दें दिल्ली मार्च के अंतिम सप्ताह से यानी लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही दिल्ली सरकार राज्य में रोजाना 10 लाख से अधिक लोगों को खाना खिलाने का दावा कर रही है। पिछले 2 महीने के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार दिल्ली से पलायन भी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार दिल्ली छोड़ चुके हैं।