Nizamuddin Markaz: 284 जमातियों को कोर्ट में खड़े रहने की सजा, जुर्माना भी लगाया
कोर्ट ने विदेशी जमातियों को एक दिन कोर्ट रूम में खड़ा रहने की सजा सुनाई। इसके साथ ही सभी विदेशी जमातियों पर 5 से 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है।
नई दिल्ली [गौरव वाजपेयी]। निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मामले में साकेत कोर्ट ने 21 देशों के 284 विदेशी जमातियों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने विदेशी जमातियों को एक दिन कोर्ट रूम में खड़ा रहने की सजा सुनाई। इसके साथ ही सभी विदेशी जमातियों पर 5 से 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है।
इससे पहले विदेशी जमातियों ने कोर्ट के सामने अपनी गलती मानी और कबूल किया कि उनसे कोरोना महामारी नियमों की अवहेलना हुई है इसके अलावा वीजा नियमों का भी उल्लंघन हुआ है। ये सभी विदेशी जमाती चीन, नेपाल, इंडोनेशिया, फिजी और बाकी अन्य देशों से मरकज में शामिल होने भारत आए थे।
92 इंडोनेशियन नागरिकों को जमानत
साकेत कोर्ट ने बृहस्पतिवार को उन 91 इंडोनेशियन नागरिकों को जमानत दे दी, जिन्होंने निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। कोर्ट ने इन जमातियों को 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी।
मरकज मामले में 122 मलेशियाई नागरिकों को मिली जमानत
इससे पहले अभी हाल में ही 122 मलेशियाई नागरिकों को वीजा शर्तों व नियमों का उल्लंघन करने के मामले में कोर्ट ने जमानत दी थी। मलेशिया की नागरिकों ने मामले में बारगेनिंग अपील की थी। जिसके अनुसार वह अपने अपराध को स्वीकार कर कम से कम सजा की मांग करते हैं।
वहीं, साकेत कोर्ट ने मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 75 थाईलैंड और नेपाली नागरिकों को जमानत दी थी। कोर्ट ने सभी आरोपितों को 10 हजार रूपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। इससे पहले भी कोर्ट ने अलग-अलग देशों के कई नागरिकों को वीजा शर्तों का उल्लंघन कर कोरोना संकट के बीच जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के मामले में जमानत दी थी। सभी नागरिक कोर्ट की निगरानी में अलग-अलग होटलों में ठहराए गए हैं। जहां से उन्होने वीडियों कांफ्रैंसिंग के जरिए कोर्ट की कार्रवाई में हिस्सा लिया जहां मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरुमोहिना कौर ने सभी 75 विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी।
बता दें अभी तक कुल 32 देशों के कुल 440 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को चार्जशीट पेश होने के बाद से जमानत दी जा चुकी है।