Nirbhaya Case: आज खुल सकता है फांसी घर का ताला, तीसरी बार जारी हुआ डेथ वारंट
जेल प्रशासन को दोषियों के डेथ वारंट जारी होने की जानकारी मिलते ही जेल संख्या तीन के हाई सिक्योरिटी सेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई। शाम में चारों दोषियों का वजन किया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निर्भया के दोषियों के फांसी के लिए कोर्ट ने सोमवार को तीसरी बार डेथ वारंट जारी करते हुए तीन मार्च की तारीख तय की है। ऐसे में अब फांसी देने की प्रकिया का ट्रायल भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। डेथ वारंट के बाद जेल प्रशासन की नजर अब निर्भया के दोषियों के स्वास्थ्य पर है।
दोषियों का वजन जेल प्रशासन के लिए अहम
जेल प्रशासन को दोषियों के डेथ वारंट जारी होने की जानकारी मिलते ही जेल संख्या तीन के हाई सिक्योरिटी सेल की सुरक्षा बढ़ा दी गई। शाम में चारों दोषियों का वजन किया गया, जिसे इनकी फाइलों में दर्ज किया गया। अब रोजाना सुबह-शाम इनका वजन किया जाएगा। रोजाना इनकी काउंसिलिंग भी की जाएगी। बता दें कि जेल मैनुअल के मुताबिक फांसी की सजा पर अमल तभी हो सकेगा, जब ये शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह फिट रहेंगे। स्वास्थ्य जांच के दौरान अन्य बातों के अलावा इनके वजन पर नजर रखी जा रही है। वजन के हिसाब से यह तय होगा कि किस दोषी को फंदे से कितना नीचे लटकाया जाएगा।
आज खुल सकता है फांसी घर का ताला
मंगलवार को फांसी घर के मुख्य दरवाजे पर जड़ा ताला खुलने की पूरी संभावना है। पिछली बार जल्लाद द्वारा किए गए ट्रायल के बाद फांसी घर को बंद कर दिया गया था। अब जबकि डेथ वारंट जारी हो गया है और फांसी की तारीख निश्चित हो चुकी है। मंगलवार को अधिकारियों की टीम वहां के इंतजामों का जायजा लेगी, इसकी संभावना है।
अब कोर्ट के ताजा फैसले के अनुसार अब निर्भया के गुनहगारों को तीन मार्च को फांसी सुबह छह बजे दी जाएगी। हालांकि अभी भी उनके पास दो विक्लप अभी बचे हैं जिन्हें वह इस्तेमाल कर सकते हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब इस बात पर चर्चा फिर से शुरू हो गई है कि क्या कोर्ट के इस बार जारी डेथ वारंट की तामील हो पाएगी? या इस बार भी निर्भया के गुनहगार कानूनी दाव पेंच का इस्तेमाल कर फांसी के फंदे से बचने में कामयाब हो जाएंगे।
इधर, कोर्ट के आदेश जारी करने के बाद दोनों पक्षों के वकील ने अपना अपना पक्ष मीडिया के सामने रखा। आइए जानते हैं इन गुनहगारों के पास क्या विकल्प हैं और वकीलों ने इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया दी है।
निर्भया के दोषियों के वकील ए.पी. सिंह का पक्ष-
2012 निर्भया केस के दोषियों के वकील ए.पी. सिंह ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी बहुत विकल्प बाकी हैं। ये आप लोगों के द्वारा क्रिएट किया हुआ राजनीतिक दबाव है। मानवाधिकार के बहुत से लोग फांसी का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि फांसी की सजा संविधान, आर्टिकल 21, महात्मा गांधी के सिद्धांतों और प्राकृतिक अधिकारों के खिलाफ है।
निर्भया की वकील सीमा कुशवाहा का पक्ष
इधर, निर्भया की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा ने भी इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निर्भया के साथ देश की और बेटियां जो न्याय के इंतजार में हैं, उनको भी उम्मीद जगेगी देश की न्याय व्यवस्था पर। उनको भी न्याय मिल सकता है अगर निर्भया को न्याय मिल सकता है।
क्या है कोर्ट का ताजा आदेश
2012 में दिल्ली ही नहीं देश को दहलाने वाली घटना पर दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया। बता दें कि इस बार यह जारी डेथ वारंट तीसरा वारंट है। इससे पहले जारी दो वारंट में दोषियों को 22 जनवरी, एक फरवरी को फांसी देने का वक्त मुकरर्र किया गया था। अब ताजा फैसले के अनुसार उन्हें 3 मार्च सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी।