Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा का देंगे साथ या प्रदर्शन स्थल से होगी पंजाब वापसी, निहंग आज लेंगे फैसला
Singhu Border Kisan Andolan बुधवार दोपहर में निहंगों की सिंघु बार्डर पर महापंचायत होगी। इसको धार्मिक एकता नाम दिया गया है। बताया जा रहा है कि इस अहम बैठक में जनमत संग्रह के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि उन्हें कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन से वापस जाना चाहिए या नहीं।
नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर कथित रूप से धर्म ग्रंथ की अवमानना और उसके चलते पंजाब के तरनतारन के गांव चीमा कला के युवक लखवीर की हत्या के बाद से हालात तनावपूर्ण चल रहे हैं। इस नृशंस हत्या के बाद एक ओर जहां संयुक्त किसान मोर्चा ने निहंगों से पल्ला झाड लिया, वहीं पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर चार निहंगों को जेल भेज दिया है। हत्या की वारदात में शामिल अन्य निहंगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने निहंगों के व्यवहार के कारण कई बार अपरिहार्य स्थिति उत्पन्न होने का बयान भी जारी किया था।
किसान मोर्चा के पदाधिकारी इस जघन्य हत्याकांड से खुद को अलग रखकर छवि बचाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं निहंगों का मानना है कि मोर्चा नेताओं के साथ छोड़ देने से पुलिस कार्रवाई हुई है। धर्म ग्रंथ के अपमान का बदला लेने के बाद से मोर्चा ने निहंगों को अलग-थलग कर दिया है। इसके चलते निहंगों ने 27 अक्टूबर को महापंचायत करने का एलान किया था। इस महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के बयानों के बाद के हालात पर फैसला लेने का एलान किया गया था। निहंग बाबा राजाराम सिंह ने कहा था कि अब निहंग प्रदर्शन में रहेंगे या वापस जाएंगे, इसका निर्णय महापंचायत में लिया जाएगा। इस महापंचायत में जनमत संग्रह के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि उन्हें कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन से वापस जाना चाहिए या नहीं।
निहंग बाबा राजा राम सिंह का कहना है कि वह कुंडली बार्डर पर वह किसानों की हिफाजत करने के लिए बैठे हैं। हमेशा से वह प्रदर्शनों में किसानों व सिखों की हिफाजत करते आए हैं। महापंचायत में सिख कौम के बुद्धिजीविओं के अलावा संगत भी शामिल होगी। इसमें हरियाणा व पंजाब के निहंग शामिल होंगे। महापंचायत में निहंग जो फैसला लेंगे, उसे पूरी संगत मानेगी। निहंग बाबा राजाराम सिंह ने कहा कि हम भागने वालों में से नहीं हैं। जो हमने किया है, उसे खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं। अदालत में हमारे साथियों ने स्वीकार किया है कि हमने ही हत्या की है। हमने खुद ही पुलिस के सामने सरेंडर किया है।
निहंगों की सबसे ज्यादा नाराजगी एसकेएम नेता योगेंद्र यादव से है। बाबा राजाराम सिंह ने कहा था कि योगेंद्र यादव को एसकेएम ने सिर चढ़ा रखा है। वह भाजपा व आरएसएस का बंदा है। उनके सामने आकर जवाब देकर दिखाएं। संयुक्त किसान मोर्चा ने बिना पूरा मामला जाने खुद को ऐसे अलग कर लिया, जैसे निहंग अपराधी हों। पुलिस ने धर्म के मामले को समझे बिना कार्रवाई शुरु कर दी है। हम न तो धर्म के साथ बेअदबी बर्दाश्त करेंगे और न ही किसी का मनमाना दखल। संगत फैसला करेगी तो निहंग वापस चले जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा सोच ले, निहंगों के जाने के बाद उनकी हिफाजत करने वाला नहीं बचेगा।
निहंगों के कड़े रुख से एसकेएम नेताओं की बेचैनी बढ़ गई थी। उन्होंने योगेंद्र यादव को निष्काशित कर दिया। उसके बाद से निहंगों के तेवर थोड़े नरम पड़े हैं। उन्होंने महांपचायत में निहंग प्रतिनिधियों को ही बुलाया है। संगत को आमंत्रित नहीं किया है। कुंडली बार्डर के पास एक होटल में पंचायत करने का एलान किया गया है। पंचायत का समय दोपहर में दो बजे से शाम पांच बजे तक का रखा गया है। पंचायत में निर्णय के आधार पर निहंग अपनी रणनीति तैयार करेंगे। वह पुलिस को अपनी कार्रवाई तत्काल रोक देने की चेतावनी भी पहले ही जारी कर चुके हैं।