जानें- 12 बरस बाद फिर क्यों चर्चा में है 'खूनी कोठी D-5', लोग कहते हैं भूत बंगला

नोएडा सेक्टर 31 स्थित डी-5 कोठी 7 मई 2006 को सुर्खियों में आई थी। एक लापता लड़की के पिता ने कोठी से उसके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद यह मामला देश-दुनिया में छा गया था।

By Edited By: Publish:Mon, 24 Sep 2018 09:23 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 01:52 PM (IST)
जानें- 12 बरस बाद फिर क्यों चर्चा में है 'खूनी कोठी D-5', लोग कहते हैं भूत बंगला
जानें- 12 बरस बाद फिर क्यों चर्चा में है 'खूनी कोठी D-5', लोग कहते हैं भूत बंगला

नोएडा (जेएनएन)। देश को पूरी दुनिया में शर्मसार कर देने वाला उत्तर प्रदेश का निठारी कांड फिर चर्चा में है। दरअसल, निठारी कांड के मुख्य आरोपी मनिंदर पंधेर की नोएडा सेक्टर-31 स्थित कोठी से धीरे-धीरे सारा सामान चोरी हो गया। जानकारी सामने आई है कि घर में रखा एसी, टीवी, बाथ टब और झूमर से लेकर फर्नीचर तक गायब हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, चोरों ने बंद कोठी का दरवाजा तक चुरा लिया है। 

यहां पर बता दें कि मोनिंदर सिंह पंधेर के परिजन कोठी पर अधिकार प्राप्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोठी में चोरी की पुलिस से शिकायत भी की गई थी। इसके बाद भी सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। बताया जाता है कि इस कोठी से आसपास के लोग जहां भय खाते हैं और भूत बंगला तक कहते हैं, वहीं यहां पर शाम होते ही गंजेड़ी अपना अड्डा बना देते हैं। 

सेक्टर 31 स्थित डी-5 कोठी 7 मई 2006 को सुर्खियों में आई थी। एक लापता लड़की के पिता ने कोठी से उसके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

जांच के दौरान कोठी से बच्चों के कंकाल मिलने पर सनसनी फैल गई थी। यहां 19 बच्चों के यौन उत्पीड़न और उनकी हत्या के आरोप में कोठी के मालिक मोनिंदर पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सीबीआइ ने मानव अंगों से भरे 40 पैकेट नाले से बरामद किए थे। इसके बाद यह कोठी सील कर दी गई थी। लोगों का कहना है कि गेट खुला होने के कारण कोठी शराबियों का ठिकाना बन चुकी है।

मोनिंदर पंधेर के बेटे करण का कहना है कि उन्होंने सामान चोरी की पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई है। एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह का कहना है कि मो¨नदर पंधेर की कोठी सील है। उसमें चोरी होने की जानकारी नहीं है। मीडिया से यह जानकारी मिली है। इसकी जांच कराई जाएगी। 

जानिए क्या था मामला

दिसंबर 2006 - दिल्ली से सटे नोएडा इलाके में मोनिंदर सिंह पंधेर के घर के पीछे नाले से पुलिस को 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले और इसके बाद मोनिंदर सिंह और सुरिंदर कोली को गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई को इंसानी हड्डियों के कुछ हिस्से और 40 ऐसे पैकेट मिले जिनमें मानव अंगों को भरकर नाले में फेंक दिया गया था।

जनवरी 2007 - मोनिंदर सिंह और सुरिंदर कोली को पुलिस नार्को टेस्ट के लिए गांधीनगर ले कर गई। सीबीआई ने मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरिंदर कोली से पूछताछ की और कुछ ही दिनों में जांच करने के लिए निठारी पहुंची जहां से और भी हड्डियां बरामद की गईं। इसी महीने इन दोनों के साथ गाजियाबाद की एक अदालत परिसर में मारपीट हुई जब उन्हें पेशी के लिए वहां ले जाया गया था।

फरवरी से अप्रैल 2007 -कोली और मोनिंदर को 14 दिन की सीबीआई कस्टडी में भेजा गया और पिंकी के कंकाल की पहचान उसके सलवार सूट और चप्पलों से हुई।

मई 2007 - सीबीआइ ने मोनिंदर को अपनी चार्जशीट में 15 साल की रिम्पा हलदर के अपहरण, बलात्कार और हत्या के मामले में आरोपमुक्त कर दिया था। लेकिन बाद में अदालत की फटकार के बाद सीबीआई ने पंढेर को इस मामले में सह-अभियुक्त बनाया। मोनिंदर और कोली को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई गई।

मई 2010- सीबीआइ की विशेष अदालत ने सुरिंदर कोली को सात वर्षीय आरती की हत्या का दोषी करार दिया लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट सितंबर के महीने में ही मोनिंदर को बरी कर चुका था, जबकि कोली की सजा बरकरार रखी गई थी।

अक्टूबर 2014- सुरिंदर कोली की फांसी पर पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज की गई। उसे रिम्पा मामले में मौत की सजा दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुरिंदर कोली की फांसी की सजा पर अक्तूबर 29 तक के लिए रोक लगाई।

जनवरी 2015 - रिम्पा हलदर हत्या मामले में सुरिंदर कोली की फांसी की सजा को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उम्र कैद में बदल दी थी।

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