रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म में नया मोड़, मुख्य आरोपी की पत्नी ने दिया हैरान करने वाला बयान

रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपी की पत्नी ज्योति की मानें तो वह इन दिनों अपने जीवन के सबसे अहम मोड़ पर खड़ी है। वह मानसिक रूप से परेशान है।

By JP YadavEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 08:50 AM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 02:27 PM (IST)
रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म में नया मोड़, मुख्य आरोपी की पत्नी ने दिया हैरान करने वाला बयान
रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म में नया मोड़, मुख्य आरोपी की पत्नी ने दिया हैरान करने वाला बयान

अमित सैनी (रेवाड़ी)। हरियाणा के साथ पूरे देश को शर्मसार कर देने वाले बहुचर्चित रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म मामले में मुख्य आरोपी पंकज फौजी की पत्नी सामने आई। पंकज फौजी की पत्नी ने पुलिस के सामने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि उसका अपने पति के साथ अब कोई रिश्ता नहीं है। पंकज ने तमाम रिश्तों को कलंकित किया है। नाहड चौकी पहुंची पंकज फौजी की पत्नी ने पुलिस के समक्ष यह भी गुहार लगाई है कि उसके परिवार के लोगों को परेशान करना बंद किया जाए।  

सात माह की गर्भवती है पंकज की पत्नी
जिले के एक गांव की रहने वाली छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपित पंकज फौजी वारदात के बाद से ही फरार चल रहा है। महेंद्रगढ़ जिले का रहने वाला मुख्य आरोपित पंकज सेना में तैनात है। नाहड चौकी में पहुंची पंकज की पत्नी ने बताया कि 15 नवंबर, 2017 को ही उनकी शादी हुई थी। उसे पता नहीं था कि पंकज का चरित्र ऐसा है। वह सात माह की गर्भवती भी है, लेकिन इस घटना के बाद अब पंकज से उसका कोई रिश्ता नहीं है।

'पुलिस गोली मारे या फांसी चढ़ा दे'
पंकज की पत्नी ने पुलिस से उसके परिजनों को परेशान न करने की भी गुहार लगाई है। उसने कहा कि पुलिस उसके नाबालिग भाई व पिता को भी परेशान कर रही है। पति पंकज की इस घिनौनी हरकत से परेशान पत्नी ने कहा कि उसके साथ पुलिस चाहे कुछ भी करे। गोली मारे या फांसी दे, उसे कोई फर्क नही पड़ेगा। सात महीने की गर्भवती पत्नी की मानें तो वह इन दिनों अपने जीवन के सबसे अहम मोड़ पर खड़ी है। वह मानसिक रूप से परेशान है।  

पंकज फौजी व मनीष कुमार भी गिरफ्तार
वहीं, सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोनों आरोपित पंकज फौजी व मनीष कुमार की गिरफ्तारी की जानकारी देने के लिए एडीजीपी साउथ रेंज श्रीकांत जाधव की मौजूदगी में एसआइटी प्रमुख व नूंह की एसपी नाजनीन भसीन ने पत्रकार वार्ता की। एडीजीपी जाधव व भसीन ने कहा कि पकड़े गए आरोपितों से हुई पूछताछ व अब तक की जांच में यह स्पष्ट सा हो रहा है कि यह दुष्कर्म जैसे अपराध का संगठित गिरोह है। भसीन के अनुसार, पंकज फौजी व मनीष की गिरफ्तारी महेंद्रगढ़ जिले के सतनाली गांव के एक ढाबे से की गई है। दोनों को रविवार सुबह लगभग 6 बजे गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस कई दिन से उनके पीछे लगी हुई थी। उन्होंने बताया कि आरोपित लगातार अपने ठिकाने बदल रहे थे। कभी इनके उत्तराखंड में होने की तो कभी राजस्थान में होने की जानकारी मिली। सूचनाओं के आधार पर पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही थी। उन्होंने बताया कि पैसों के अभाव में दोनों आरोपित खानाबदोश की तरह रह रहे थे। कभी किसी जंगल में कभी किसी के खेत में इन्होंने अपना ठिकाना बनाया। वारदात के बाद ये इसी तरह से छिपते हुए घूम रहे थे। एक बार इनके गोगामेढी के मेले में भी होने की जानकारी मिली थी।

उन्होंने बताया कि आरोपितों ने अपने मोबाइल बंद करके जमीन में दबा दिए थे तथा बातचीत करने व पुलिस की कार्रवाई की जानकारी जुटाने के लिए अकसर दूसरों के मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अब तक की जांच में यह भी स्पष्ट हुआ है कि घटनास्थल पर सिर्फ पांच लोग थे। जिनमें तीन मुख्य आरोपित व दो सहआरोपित थे।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 12 लोग होने की बात प्रारंभिक जांच में सही नहीं लग रही है, लेकिन हम चर्चाओं की भी बारीकी से जांच करेंगे। अगर संख्या तीन से अधिक हुई तो बाकी आरोपितों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। पीड़िता ने अपनी प्राथमिकी में जो नाम दिए थे वे सभी गिरफ्तार हो चुके हैं।

फास्ट ट्रैक कोर्ट का करेंगे अनुरोध
एसआइटी इंचार्ज ने बताया कि हम सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का अनुरोध करेंगे। क्या प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने शुरूआत में लापरवाही की? इस सवाल पर एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है। अगर जांच में लापरवाही साबित हुई तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। भसीन ने कहा कि जिस कोठरी में सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया, वह कोठरी अपराधों का अड्डा है। पूर्व में भी यहां पर इस तरह की वारदातें होती रही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि ट्यूबवैल मालिक दीनदयाल को लंबे समय से अपनी कोठरी में होने वाले दुष्कर्म जैसे अपराधों की जानकारी थी। भसीन ने यह भी कहा कि अभी नाहड़ के विश्राम गृह में एसआइटी का कैंप कार्यालय कायम रहेगा। भसीन ने कहा कि संगठित अपराध की बात सामने आने के बाद जरूरी है कि वे अन्य पीड़िता भी सामने आए जिनके साथ यह गिरोह वारदात कर चुका है। मैं उन अभिभावकों व पीड़िताओं से यह अपील करती हूं कि वे खुलकर सामने आए। उनकी पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। अभिभावक व पीड़ित महिलाएं व युवतियां पूरे भरोसे के साथ एसआइटी के समक्ष आ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पीड़िता चाहेगी तो धारा 164 के बयान दोबारा करवाए जाने की कानूनी संभावनाओं पर विचार किया जाएगा। पुलिस को ऐसा अवसर दिए जाने में कोई संकोच नहीं है।

यह है मामला

पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 12 सितंबर को रेलवे की परीक्षा की कोचिंग के लिए पीड़िता कनीना गई थी। कनीना पहुंचने के बाद उसी के गांव निवासी पंकज, मनीष व नीशु ने उसे रोक लिया तथा कोचिंग के बारे में पूछने लगे। इसी दौरान मनीष ने छात्रा को पीने के लिए पानी दिया तथा पानी पीने के बाद वह बेहोश हो गई। छात्रा का आरोप है कि तीनों उसे एक खेत में ले गए तथा उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। छात्रा ने किसी तरह अपने पिता को घटनाक्रम की जानकारी दी, जिसके बाद परिजन मौके पर पहुंचे तथा छात्रा को अस्पताल में भर्ती कराया।

हालत बिगड़ने पर झोलाछाप को बुलाकर लाए थे आरोपी
कनीना से अपहरण के बाद 12 सितंबर को रेवाड़ी-झज्जर जिले की सीमा पर खेतों में ले जाकर जिस युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया था। अत्यधिक रक्तस्राव होने के कारण आरोपियों में से एक ने अपने एक परिचित झोलाछाप को उस कुएं पर बुलवाया था, जहां पर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था।

बस स्टैंड पर छोड़कर फरार हो गए आरोपी
सूत्रों के अनुसार छात्रा को कुएं पर ले जाने के बाद एक आरोपी नीशु ने फोन करके कुछ युवकों को बुलवाया था। दरिदंगी के बाद जब स्वास्थ्य बिगड़ा तो एक आरोपी ने किसी गांव से झोलाछाप को फोन पर कुएं पर बुलाया था। उसने छात्रा की हालत देखने के बाद उपचार के लिए मना कर दिया। इसके बाद आरोपी पीड़ित छात्र को गांव के एक अन्य चिकित्सक के पास लेकर गए जहां पर चिकित्सक ने उसको दवा दी। इसके बाद भी जब स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो आरोपी छात्रा को कनीना बस स्टैंड पर छोड़कर फरार हो गए।

नीशु ने रची थी प्लानिंग
एसपी नाजनीन भसीन ने बताया कि दीनदयाल उस ट्यूबवेल का मालिक है, जहां यह घटना हुई। डॉक्टर संजीव को भी अब तक इस मामले में शामिल पाया गया है। मुख्य आरोपी नीशु था। उसने ही पहले से प्लानिंग की थी और डॉक्टर को भी उसने ही बुलाया था।

डीएनए रिपोर्ट से कसेगा दुष्कर्मियों पर शिकंजा

देश व प्रदेश को झकझोरने वाले रेवाड़ी के सामूहिक दुष्कर्म कांड में पुलिस के सामने तीन में से दो मुख्य आरोपितों को पकड़ने की चुनौती तो है ही, साथ ही सजा दिलवाने के लिए सबूत जुटाने व उन्हें अदालत में सिद्ध करने की चुनौती भी है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मेडिकल जांच से यह तो साबित हो जाता है कि दुष्कर्म हुआ या नहीं, लेकिन यह साबित नहीं हो सकता कि दुष्कर्म में कितने लोग शामिल थे। ऐसी स्थिति में मेडिकल जांच की बजाय दुष्कर्मियों पर डीएनए की रिपोर्ट से शिकंजा कसा जाएगा।

पुलिस ने नागरिक अस्पताल द्वारा 12-13 सितंबर की रात लिए गए जरूरी सैंपल मधुबन स्थित प्रयोगशाला भेजे हुए हैं। आमतौर पर वहां से रिपोर्ट आने में महीनों लग जाते हैं, लेकिन इस मामले में देरी नहीं होगी। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि संयोग से सरकार ने एडीजीपी साउथ रेंज श्रीकांत जाधव को ही मधुबन लैब की कमान सौंपी हुई है। जाधव साउथ रेंज के एडीजीपी के साथ-साथ वहां के निदेशक भी हैं।

उनके अनुसार तीन दिन में बायोलाजिकल टेस्ट व इसके बाद सात दिन में डीएनए की रिपोर्ट आ जाएगी। सीनियर मेडिकल आफिसर डॉ. सुदर्शन पंवार ने जागरण से बातचीत में कहा कि हम यह तो कह सकते हैं कि दुष्कर्म हुआ, लेकिन मेडिकल जांच के आधार पर हमारे लिए यह कहना संभव नहीं है कि दुष्कर्म की घटना में कुल कितने लोग शामिल थे। रेवाड़ी के सामूहिक दुष्कर्म कांड के दौरान ऐसी चर्चाएं भी आई कि दुष्कर्म करने वाले तीन से अधिक थे। डीएनए रिपोर्ट से कानून के सामने सही तस्वीर आ जाएगी। एडीजीपी श्रीकांत जाधव का कहना है कि डीएनए जांच पूरी तस्वीर स्पष्ट कर देगी। हमें 10 दिन में रिपोर्ट मिल जाएगी। यह रिपोर्ट दोषियों को सजा दिलवाने में मजबूत आधार बनेगी। 

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