UP-दिल्ली का सफर होगा आसान, डीएनडी को जोड़ेगा 8 किमी लंबा एलिवेटेड रोड

आवागमन सुगम बनाने के लिए हिंडन एलिवेटेड रोड को नोएडा के डीएनडी फ्लाइओवर से जोड़ा जाएगा। योजना के धरातल पर उतरते ही दिल्ली नोएडा और गाजियाबाद के लोगों जाना-जाना काफी आसान हो जाएगा।

By JP YadavEdited By: Publish:Tue, 19 Mar 2019 02:04 PM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2019 07:56 AM (IST)
UP-दिल्ली का सफर होगा आसान, डीएनडी को जोड़ेगा 8 किमी लंबा एलिवेटेड रोड
UP-दिल्ली का सफर होगा आसान, डीएनडी को जोड़ेगा 8 किमी लंबा एलिवेटेड रोड

गाजियाबाद [जागरण स्पेशल]। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के लाखों वाहन चालकों के लिए राहत भरी खबर है। खासकर नोएडा और दिल्ली के कालिंदी कुंज व कालकाजी आने-जाने वालों का सफर बिना ट्रैफिक के होगा। आवागमन सुगम बनाने के लिए हिंडन एलिवेटेड रोड को नोएडा के डीएनडी फ्लाइओवर से जोड़ा जाएगा। योजना के धरातल पर उतरते ही दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के लोगों जाना-जाना काफी आसान हो जाएगा। जहां गाजियाबाद के राजनगर से कालिंदी कुंज पहुंचने में एक घंटे तक समय लगता है, वहीं दोनों के जुड़ जाने से दूरी आधे घंट हो जाएगी। सबकुछ ठीक रहा तो चुनाव प्रक्रिया  समाप्त होने के बाद सितंबर के आसपास इसका निर्माण भी शुरू हो जाएगा।

योजना पर खर्च हुआ कम
दरअसल, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) ने हिंडन एलिवेटेड रोड को नोएडा के डीएनडी फ्लाइओवर से जोड़ने के लिए कवायद तेज कर दी है। इसी कड़ी में जीडीए द्वारा निक्युत कंसल्टेंट कंपनी ने इसके लिए दिए गए तीन विकल्पों में से एक पर अपनी सहमति जता दी है। बताया जा रहा है कि जिस विकल्प पर सहमति बनी है, उसे पर खर्च काफी कम आएगा। इसके निर्माण में करीब 558.89 करोड़ रुपये खर्च होंगे। 

निर्माण के तहत एनएच-9 और एलिवेटेड रोड के जंक्शन प्वाइंट से हिंडन कट कैनाल के बराबर होते हुए गाजीपुर कूड़ाघर, कोंडली पुल के साथ-साथ गाजीपुर नाले से होते हुए धर्मशाला रोड और न्यू अशोकनगर मार्ग की क्रॉसिंग पर डीएनडी फ्लाइओवर से जुड़ेगा।

वीएन सिंह (चीफ इंजिनियर, जीडीए) का कहना है कि  कंसल्टेंट कंपनी की तरफ से हिंडन एलिवेटेड रोड को डीएनडी फ्लाइओवर से जोड़ने के तीन विकल्पों में से एक को माना गया है। कंपनी के सर्वे के अनुसार, एलिवेटेड रोड को डीएनडी से जोड़ने का सबसे अच्छा विकल्प है।

मेरठ की राह भी होगी आसान

दिल्ली से आने वाले के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के अलावा, यह रूट दूसरे बेहतरीन विकल्प के रूप में होगा। इससे मेरठ जाने वाले राजनगर एक्सटेंशन होते हुए जा सकेंगे।  

ये हैं तीन विकल्प
पहले विकल्प में एलिवेटेड रोड कुल 6.9 किलोमीटर का होगा। योजना के अनुसार, एनएच-9 व एलिवेटेड रोड के जंक्शन प्वाइंट से हिंडन कट कैनाल के बराबर गाजीपुर कूड़ाघर की ओर स्थित भूमि से होते हुए कोंडली पुल व गाजीपुर नाले से होकर धर्मशाला रोड व न्यू अशोकनगर मार्ग की क्रॉसिंग से डीएनडी फ्लाईओवर तक जाएगा।

दूसरा विकल्प में इसकी दूरी 7.94 किमी पड़ेगी। इस रूट के अनुसार, एनएच-9 व एलिवेटेड रोड के जंक्शन प्वाइंट से कोंडली पुल से पहले नोएडा स्थित शिवाजी मार्ग होते हुए दल्लूपुरा रोड व अमलताश मार्ग से रजनीगंधा अंडरपास तक जाएगा।

तीसरे विकल्प के रूप में एनएच-9 व एलिवेटेड रोड के जंक्शन पॉइंट से कोंडली पुल से पहले ही नोएडा स्थित शिवाजी मार्ग होते हुए दल्लूपुरा रोड के पहले चौराहे से उद्योग मार्ग होते हुए डीएनडी फ्लाईओवर तक। इसकी दूरी 8.2 पड़ेगी। इन तीनों विकल्पों में दूरी और आने वाले खर्च के मद्देनजर निर्णय लिया जाएगा।  जिस हिंडन एलिवेटेड रोड को डीएनडी से जोड़ा जा रहा है उसकी खूबियां भी जानें
हिंडन एलिवेटेड रोड देश की सबसे लंबी एलिवेटेड रोड है। इसकी कुल लंबाई 10.3 किलोमीटर है। हिंडन एलिवेटेड रोड राजनगर एक्सटेंशवन को यूपी गेट से जोड़ेगी। इस एलिवेटेड सड़क के चलसते दोनों के बीच की दूरी 18 मिनट तक सीमित रह जाएगी। 10.3 किलोमीटर लंबी इस एलिवेटेड सड़क को मजबूती 228 सिंगल पिलर दे रहे हैं।  अलिवेटेड सड़क पर औसर स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा है। एलिवेटेड सड़क के चलते चालकों और यात्रियों के हिंडन एयरबेस पहुंचना भी आसान है जो टोल गेट से मात्र 1.5 किलोमीटर की दूरी पर है।

...इसलिए बनाए जाते हैं एलिवेटेड रोड

शहरों खासकर मेट्रो सिटी में एलिवेटेड रोड बेहद जरूरी हो गए हैं। सड़कों के लिए जगह ही नहीं बचने पर एलिवेटेड रोड ही एक  मात्र विकल्प बचता है। एलिवेटेड रोड का निर्माण उन शहरों में होता है, जहां वाहनों का आवागमन अधिक होता है और सड़कों के निर्माण के गुंजाइश नहीं के बराबर रहती है। 

क्या होता है एलिवेटेड रोड
दुनिया भर के वैसे शहर जहां आबादी घनी और ट्रैफिक ज्यादा है, वहां एलिवेटेड रोड के निर्माण में वृद्धि देखी जा रही है। एलिवेटड रोड तकनीकी रूप से एक पुल की तरह डिजाइन होता है। शहरों में ही एलिवेटेड रोड के निर्माण को प्राथमिकता दी जाती है। 

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