दिल्ली परिवहन विभाग ने सरकार से मांगे 5 अनुभाग अधिकारी, लिखा प्रधान सचिव को पत्र

परिवहन विभाग ने सरकार से 5 मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी (एमएलओ) मांगे हैं। इसे लेकर परिवहन विभाग ने दिल्ली सरकार के सेवाएं (सर्विसेज) विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें अविलंब अधिकारी उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 11:56 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 12:33 PM (IST)
दिल्ली परिवहन विभाग ने सरकार से मांगे 5 अनुभाग अधिकारी, लिखा प्रधान सचिव को पत्र
दिल्ली परिवहन विभाग के दफ्तर की फाइल फोटो

नई दिल्ली [वी.के.शुक्ला]। दिल्ली की परिवहन व्यवस्था पर नजर रखने वाला सरकार का महत्वपूर्ण परिवहन विभाग कर्मचारियों और मोटर लाइसेंसिंग अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। विभाग के पास सभी अथारिटी में लगाने के लिए भी अधिकारी नहीं हैं। अधिकारियों की कमी से कार्य प्रभावित हो रहा है। परिवहन विभाग ने सरकार से 5 मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी (एमएलओ) मांगे हैं। इसे लेकर परिवहन विभाग ने दिल्ली सरकार के सेवाएं (सर्विसेज) विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें अविलंब अधिकारी उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।

परिवहन विभाग के उपायुक्त (प्रशासन) डा मनोज कुमार पांडेय ने अपने पत्र में कहा है कि तीन मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं। 56 (जे) नियम के तहत दो मोटर लाइसेंसिंग अधिकारियों को सेवानिवृत्त कर दिया गया है। अन्य को प्रशासनिक कारणों से संवेदनशील पदों पर नहीं रखा जा सकता है।

उधर परिवहन विभाग में बाहर से अधिकारी लाए जाने का विरोध हो रहा है। विभाग के जानकारों का कहना है मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी का पद टैक्निकल है। इस पद पर किसी अनुभाग अधिकारी को नहीं रखा जा सकता है। जबकि विभाग ने सरकार से अनुभाग अधिकारी मांगे हैं। उनका कहना है कि विभाग में पहले भी मोटर लाइसेंसिंग अधिकारी बाहर से लाए गए हैं। मगर उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा है।

परिवहन के क्षेत्र के जुड़ी कुछ यूनियनें यहां तक आरोप लगा रही हैं कि जिन अथारिटी में बाहर से लाकर मोटर लाइसें¨सग अधिकारी लगाए गए हैं उनमें अव्यवस्थाओं का आलम है। विभाग के जानकार कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है टैक्निकल पद पर गैर टैक्निकल को नहीं ला सकते हैं। पूर्व की शीला सरकार के समय पांच खाद्य आपूर्ति अधिकारियों को मोटर लाइसेंसिंगअधिकारी बना दिया गया था। मगर बाद में अदालती आदेश पर उन्हें हटाया गया था।

यहां बता दें कि परिवहन विभाग ने अगस्त में लाइसेंसिंग लाइसेंस बनाने के मामले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा था। कोरोना काल में तीन अथारिटी (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) में बगैर वीडियोग्राफी के ही टेस्ट लेकर कई लाइसेंस बनाए गए थे। जबकि विभाग ने टेस्ट की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर रखी है। गड़बड़ी पकड़ में आने पर परिवहन विभाग की सिफारिश पर मुख्य सचिव विजय देव ने तीन अथारिटी के एमएलओ को निलंबित कर दिया था। इनमें नई दिल्ली के एमएलओ संपत नायक, सूरजमल विहार के एमएलओ एस पी सिंह व वसंत विहार के एमएलओ एम जानसन शामिल हैं। इन तीनों एमएलओ के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है। इन तीनों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दी गई है।

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