Lockdown in Delhi: मासूमों के दूध की आस बना उम्मीद का प्रयास, प्रशासन की मुहिम ला रही है रंग

एसडीएम नितिन शाक्या ने बताया कि प्रशासन लगातार कोरोना मरीजों की देखरेख में युद्ध स्तर पर जुटा है। अस्पतालों क्वाराटाइंन सेंटर आइसोलेशन सेंटर और होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों तक खाना पहुंचाने का काम लगातार किया जा रहा है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 06:11 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 02:22 PM (IST)
Lockdown in Delhi: मासूमों के दूध की आस बना उम्मीद का प्रयास, प्रशासन की मुहिम ला रही है रंग
नई दिल्ली जिला प्रशासन मासूम बच्चों तक लॉकडाउन में पहुंचा रहा दूध

नई दिल्ली [राहुल सिंह]। कोरोना महामारी वाकई लोगों के लिए अभिशाप बनी हुई हैं। एक ओर जहां कोरोना संक्रमण के कारण राजधानी में लोगों को भोजन के लिए दर बदर भटकना पड़ रहा है। वहीं, कुछ ऐसे मासूम भी हैं, जिनसे महामारी ने उनका सुबह शाम का दूध भी छिन लिया है। नई दिल्ली जिले की झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले परिवार के लोग प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी शिकायत भी कर रहे हैं कि उनके बच्चों को दूध नहीं मिल रहा है। ऐसे में अब प्रशासन ने सामाजिक संस्था के साथ ऐसे ही मासूम बच्चों को दूध पहुंचाने का काम शुरू किया है।

नई दिल्ली के एसडीएम नितिन शाक्या ने बताया कि प्रशासन लगातार कोरोना मरीजों की देखरेख में युद्ध स्तर पर जुटा है। अस्पतालों, क्वाराटाइंन सेंटर, आइसोलेशन सेंटर और होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों तक खाना पहुंचाने का काम लगातार किया जा रहा है। इसके अलावा जरूरतमंद लोगों को भी उनका राशन व खाने के पैकेट पहुंचाने का काम प्रशासन की ओर से किया जा रहा है।

ऐसे में पिछले दिनों वसंत कुंज इलाके की झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले कुछ स्वजनों की शिकायत प्रशासन के पास आई थी कि लॉकडाउन के कारण उनके बच्चों को दूध नहीं मिल पा रहा है, जिसके कारण छह महीने से लेकर दो साल तक के बच्चे भूखे रह रहे हैं। लोगों का कहना था कि इलाके की सभी दुकानें बंद होने और कंटेनमेंट जोन बनने के कारण उन्हें कॉलोनियों में जाने नहीं दिया जा रहा है।

वहीं, उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे लोग झोपड़ी में आकर राशन का सामान तो दे जाते हैं, जिससे बड़ों का पेट भर जाता है, लेकिन बच्चों का पेट इसके बावजूद भूखा रहता है। लोगों की शिकायत के बाद नई दिल्ली जिला प्रशासन ने सामाजिक संस्था उम्मीद का प्रयास के साथ मिलकर मासूमों को दूध के पैकेट पहुंचाने का काम अब शुरू किया है। संस्था से जुड़े हर दयाल सुबह और शाम बच्चों को दूध पहुंचाने का काम कर रहे हैं। वहीं, कार्यक्रम कोडिनेटर बादल भी उनका इसमें साथ दे रहे हैं। इससे बच्चों को समय पर दूध मिल पा रहा है।

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