Delhi Drainage System: आइआइटी दिल्ली के विशेषज्ञों की सलाह पर नालियों और नालों में होंगे आवश्यक बदलाव

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब तक बढ़िया ड्रेनेज सिस्टम नहीं बन पाया है जिसका खामियाजा दिल्ली वासियों को हर साल भुगतना पड़ता है। दिल्ली में एक बेहतर ड्रेनेज सिस्टम जल्द से जल्द विकसित किए जाने की आवश्यकता है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 09:08 AM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 09:08 AM (IST)
Delhi Drainage System: आइआइटी दिल्ली के विशेषज्ञों की सलाह पर नालियों और नालों में होंगे आवश्यक बदलाव
Delhi Drainage System: आइआइटी दिल्ली के विशेषज्ञों की सलाह पर नालियों और नालों में होंगे आवश्यक बदलाव

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश की राजधानी दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव की गंभीर समस्या को दूर करने की दिशा में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार का गंभीरता दर्शाना स्वागतयोग्य है।  इस बाबत मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली ड्रेनेज मास्टर प्लान-2021 को लेकर आला अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान, यह तय किया गया कि जलभराव की समस्या जल्द दूर की जाएगी। इसके लिए हर नाली और नाले का अलग-अलग प्रोजेक्ट बनेगा और आइआइटी दिल्ली के विशेषज्ञों की सलाह पर नालियों और नालों में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे, ताकि बारिश के पानी की बेहतर निकासी सुनिश्चित कर भविष्य में जलभराव की स्थिति से बचा जा सके। दिल्ली में ड्रेनेज सिस्टम ठीक न होने के कारण यहां जरा सी बरसात में ही सड़कों पर जलभराव हो जाता है।

यह निराशाजनक है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब तक बढ़िया ड्रेनेज सिस्टम नहीं बन पाया है, जिसका खामियाजा दिल्लीवासियों को हर साल भुगतना पड़ता है। दिल्ली में एक बेहतर ड्रेनेज सिस्टम जल्द से जल्द विकसित किए जाने की आवश्यकता है।

इसके साथ ही, दिल्ली सरकार को ड्रेनेज मास्टर प्लान की सिफारिशों पर अमल करते हुए बरसाती पानी के लिए बनाई गई नालियों और नालों को सीवरेज सिस्टम से पूरी तरह अलग रखते हुए अतिक्रमणमुक्त करना चाहिए। वहीं, इन नालियों और नालों में कूड़ा या मलबा डाले जाने को रोकने की दिशा में भी ठोस काम किया जाना चाहिए। यही नहीं, बरसाती नालियों व नालों की समय-समय पर पूरे साल सफाई भी सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि बारिश से ऐन पहले किसी वजह से सफाई न भी हो पाए तो भी उसके कारण जलभराव की स्थिति न बनने पाए।

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