Rohit Shekhar Death Case: दिल्ली पुलिस ने दर्ज किया हत्या का केस और उलझा मामला
संयुक्त आयुक्त (दक्षिणी रेंज) देवेश चंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक बोर्ड ने पुलिस को पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट नहीं सौंपी है। अभी तक मृत्यु के सही कारणों का पता नहीं चल सका है
नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी (40) की मौत का रहस्य गहराता हुआ नजर आ रहा है। रोहित तिवारी की मौत के बारे में दिल्ली पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का खुलासा किया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनकी 'अप्राकृतिक मौत' थी। अब इस मामले में आइपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है। यह मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है।
इससे पहले शुक्रवार को ही पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट का इंतजार किए बिना ही पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई। इस पर तत्परता बरतते हुए क्राइम ब्रांच ने डिफेंस कॉलोनी स्थित रोहित के घर पहुंच जांच-पड़ताल की। इस दौरान उनके साथ फोरेंसिक टीम भी थी।
वहीं, दिल्ली में हत्या का मुकदमा दर्ज होने पर रोहित की मां उज्ज्वला तिवारी ने कहा कि उन्हें इस रहस्य के बारे में कुछ भी नहीं पता है। अगर कोई साजिश की गई है तो पर्दा उठना चाहिए, हमें न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे किसी पर संदेह नहीं है। मेरा बेटा अपने पिता के आदर्शों पर चलकर लगातार आगे बढ़ रहा था, लेकिन शायद ईश्वर को यह मंजूर नहीं था।
इससे पहले दिवंगत नेता एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी (40) के शव का पोस्टमॉर्टम बुधवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All india institute of medical sciences) में पांच डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने किया। संयुक्त आयुक्त (दक्षिणी रेंज) देवेश चंद्र श्रीवास्तव के मुताबिक, बोर्ड ने पुलिस को पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट नहीं सौंपी है। रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारण का पता लग सकेगा।
पुलिस के मुताबिक, पांच डॉक्टरों के पैनल ने डॉ. आदर्श के नेतृत्व में रोहित के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया। इस दौरान रोहित के परिवार के सभी सदस्य अस्पताल में मौजूद रहे। मोर्चरी के बाहर उनकी गमगीन मां उज्ज्वला शर्मा ने बताया कि राजनीति में मौका नहीं मिलने से रोहित कुछ समय से अवसादग्रस्त थे। वह काफी काबिल थे और पिता की विरासत को आगे ले जाना चाहते थे। वह संघर्ष करने वाले युवा थे। अगर उन्हें समय पर राजनीति में आने का मौका मिलता को निश्चित तौर पर वह नया आयाम गढ़ते। उन्हें तीन-चार साल पहले मौका मिलना चाहिए था। मुझे आश्चर्य है कि इतने पढ़े-लिखे काबिल बच्चे को राजनीति में मौका क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी षड्यंत्र में फंस गए गए थे। उनके आसपास के लोगों ने उन्हें घेर रखा था, लेकिन रोहित ने उन्हें षड्यंत्र से बाहर निकाल लिया था। इसी वजह से एनडी तिवारी का अंतिम समय शानदार तरीके से गुजरा। रोहित ने श्रवण कुमार की तरह पिता की सेवा की। मोर्चरी के बाहर रोहित की पत्नी अपूर्वा शुक्ला, भाई सिद्धार्थ तिवारी व परिवार के अन्य रिश्तेदार भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि डिफेंस कॉलोनी स्थित घर में मंगलवार दोपहर रोहित शेखर तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में रोहित की मौत हो गई थी। उस दौरान उनकी पत्नी, भाई व घरेलू सहायक घर पर मौजूद थे। उज्ज्वला शर्मा घर के नजदीक ही डॉक्टर के पास गई थीं। घरेलू सहायक की नजर रोहित पर पड़ने पर उसने तुरंत परिजनों को घटना की जानकारी दी थी। इसके बाद डिफेंस कॉलोनी थाना पुलिस को सूचना दी गई। बिस्तर पर अचेत अवस्था में पड़े रोहित की नाक से खून निकल रहा था। उन्हें साकेत स्थित मैक्स अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। परिजनों ने किसी भी तरह की शंका नहीं जताई है, फिर भी पुलिस रोहित के परिजनों, रिश्तेदारों व दोस्तों से पूछताछ कर हर पहलुओं पर जांच कर रही है। उनके घर की भी पुलिस ने जांच की है।