Navratri 2020: दुर्गा पंडाल में 108 कमल के फूलों से हुई मां दुर्गा की पूजा

Navratri 2020 मिंटो रोड स्थित बने दुर्गा पंडाल के पुजारी पीएल भट्टाचार्य का कहना है कि इस साल भी पंडाल को हर साल की तरह ही सजाया गया है। इसे खासतौर से बंगाल से आए कामगारों ने सजाया है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 09:33 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 09:33 AM (IST)
Navratri 2020: दुर्गा पंडाल में 108 कमल के फूलों से हुई मां दुर्गा की पूजा
भक्त को इस बार प्रसाद, फूलमाला, फल आदि वस्तुओं की मां को भेंट करने की अनुमति नहीं दी गई है।

राहुल सिंह, नई दिल्ली। Navratri 2020 नवरात्रि के पावन दिनों में राजधानी में कुछ जगहों पर दुर्गा पूजा परंपरागत तरीके से की जा रही है। कई जगह पंडाल में भक्तों को आने की अनुमति नहीं दी गई है। कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर समिति व पूजा पंडाल समिति ने यह निर्णय लिया है। वहीं, मिंटो रोड स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में शनिवार को अष्टमी के मौके पर मां दुर्गा को 108 कमल के पुष्पों से पूजा अर्चना की गई।

मिंटो रोड स्थित बने दुर्गा पंडाल के पुजारी पीएल भट्टाचार्य का कहना है कि इस साल भी पंडाल को हर साल की तरह ही सजाया गया है। इसे खासतौर से बंगाल से आए कामगारों ने सजाया है। पंडाल में हर साल की तरह होने वाली परंपरागत दुर्गा पूजा की जा रही है, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि जब मां दुर्गा के भक्तों को उनके दरबार में अर्जी लगाने का मौका नहीं दिया गया है। कोरोना संक्रमण के चलते पूजा समिति ने यह फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि अष्टमी के मौके पर मां दुर्गा की सुबह से ही विशेष रूप से पूजा की गई है। उन्होंने कहा कि मां को प्रिय कमल के पुष्प से 108 बार चढ़ाए गए हैं। साथ ही 108 बार मां को अलग-अलग मंत्र का उच्चारण किया गया है।

उधर, मंदिर मार्ग स्थित कालीबाड़ी मंदिर में इस साल पंडाल सजाया गया है, जिसमें भक्तों को जाने की अनुमति है। पंडाल ने आने वाले सभी भक्तों कोरोना संक्रमण के चलते सरकार द्वारा बनाए गए दिशा निर्देशों का पालन करना पड़ रहा है। पूजा के मुख्य आयोजक स्वपन गांगुली ने बताया की इस बार केवल धार्मिक स्वरूप ही पंडाल में देखने को मिल रहा है। पहली बार मंदिर में दुर्गा पूजा के मौके पर सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रम नहीं किए जा रहे हैं।

भक्त नहीं चढ़ा पा रहे हैं मां को प्रसाद : स्वपन गांगुली ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते हैं किसी भी भक्त को इस बार प्रसाद, फूलमाला, चुनरी, फल आदि वस्तुओं की मां को भेंट करने की अनुमति नहीं दी गई है। अगर कोई भक्त मां को कुछ चढ़ाना चाहता है तो वह उसके बदले दानपात्र में रुपए डाल सकता है। वही समिति की ओर से भी पंडाल में किसी भक्त को इस बार प्रसाद नहीं दिया जा रहा है। पिछले साल तक पंडाल में भंडारे का बड़ा आयोजन किया जाता था, जो इस साल नहीं किया जा रहा।

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