Farmers Protest News: गतिरोध खत्म करने के लिए केंद्र से वार्ता के लिए पहल करेगी राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति
हरियाणा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डीके शर्मा ने दैनिक जागरण से कहा कि समिति से जुड़े संगठन आंदोलन को लंबा खींचने इसमें राजनीति करने और केंद्र सरकार से वार्ता के दरवाजे बंद करने से सहमत नहीं है। इससे भविष्य में किसानों का नुकसान भी हो सकता है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति कृषि सुधार कानूनों में समुचित बदलाव को लेकर केंद्र सरकार से वार्ता के लिए पहल करेगी। इस समिति से 22 प्रदेशों में 100 से अधिक किसान संगठन जुड़े हैं। समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष दशरथ कुमार की अध्यक्षता में हुई किसान संगठनों की वर्चुअल बैठक में निर्णय लिया गया कि आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाया जाए। इसके लिए केंद्र सरकार से वार्ता के लिए समिति संयुक्त किसान मोर्चा से भी समन्वय करेगी।
जानकारी के मुताबिक वर्चुअल बैठक में तय हुआ कि समन्वय समिति संयुक्त किसान मोर्चा के सामने प्रस्ताव रखेगी कि कृषि सुधार कानूनों में किसान विरोधी एक-एक नियम पर चर्चा हो। जिस नियम पर तथ्यात्मक विरोध हो उसे केंद्र सरकार से हटवाया जाए।
हरियाणा किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष डीके शर्मा ने दैनिक जागरण से कहा कि समिति से जुड़े संगठन आंदोलन को लंबा खींचने, इसमें राजनीति करने और केंद्र सरकार से वार्ता के दरवाजे बंद करने से सहमत नहीं है। इससे भविष्य में किसानों का नुकसान भी हो सकता है। कहा कि जब कानूनों के एक-एक नियम पर चर्चा हो जाएगी और इनमें से जिस पर विवाद होगा, उसे हटा दिया जाएगा तो कानून की महत्ता ही नहीं रहेगी।
इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा भी यह अडि़यल रुख छोड़ दे कि तीन कृषि कानून रद किए बिना केंद्र सरकार से वार्ता ही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय किसान समन्वय समिति 26 जनवरी की घटना के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से अलग हो गई थी। लेकिन, कृषि सुधार कानूनों का अपने स्तर पर विरोध कर रही थी। वर्चुअल बैठक में हरपाल सिंह राणा, उमेश तिवारी, जगदीश कुमार, सुनील फौजी, विकल पचार, धीरेंद्र डुडु, सुरेश वर्मा, हरीश चौहान प्रमुख रूप से मौजूद थे।
इस तीन कारणों से होगी पहल ताकि खत्म हो किसानों एवं सरकार का अवरोध तथ्यपरक चर्चा कर आपत्तियों को दूर कराएगी संयुक्त किसान मोर्चा से जिद छोड़ने की अपील