बकाया राशि को लेकर नगर निगम तल्ख, बकाया राशि की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित

स्थायी समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश जेपी और नेता सदन तिलकराज कटारिया ने यह प्रस्ताव सदन में रखा। यह प्रस्ताव पारित भी कर दिया गया है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 11:33 PM (IST) Updated:Wed, 26 Feb 2020 11:33 PM (IST)
बकाया राशि को लेकर नगर निगम तल्ख, बकाया राशि की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित
बकाया राशि को लेकर नगर निगम तल्ख, बकाया राशि की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद फिर बकाया राशि को लेकर नगर निगम तल्ख होने लगा है। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में मंगलवार को दल्ली सरकार से बकाया राशि की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही निगम आयुक्त को आदेशित किया गया कि वे इस राशि की वसूली करें।

स्थायी समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश जेपी और नेता सदन तिलकराज कटारिया ने यह प्रस्ताव सदन में रखा। यह प्रस्ताव पारित भी कर दिया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि सड़कों का निर्माण और उसका रखरखाव, स्वास्थ्य, शिक्षा व पर्यावरण समेत 26 महत्वपूर्ण कार्यों के लिए दिल्ली सरकार की ओर से नगर निगम को पूरा बजट जारी नहीं किया जा रहा है। इसके कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है।

पांचवें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक 3683 करोड़ रुपये की अनुशंसा की गई है, मगर इसे सरकार लागू नहीं कर रही है। वहीं चौथे वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक भी सरकार पर 136 करोड़ रुपये बकाया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि ये धन न मिलने से जनहित के कामों में नगर निगम को काफी मुश्किलें आ रही हैं। नगर निगम पर ठेकेदारों का 430 करोड़ रुपये बकाया है। इसी तरह निगम के अस्पतालों के लिए दवाइयों तक की खरीद नहीं हो पा रही है। खराब आर्थिक स्थिति के कारण कर्मचारियों का वेतन और पेंशन देने में दिक्कत हो रही है। प्रस्ताव में सरकार से बकाया वसूलने के लिए आयुक्त को कार्रवाई का आदेश दिया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि वे इसके लिए कार्रवाई करें और सदन को इस बारे में सूचित भी करें।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मंगलवार को एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल कर कहा कि आधुनिक तकनीक व उपकरणों का उपयोग करके ठोस कचरे के संग्रहण, पृथक्करण, परिवहन और निपटान के लिए व्यापक प्रणाली विकसित है। एनडीएमसी के छह क्षेत्रों में सिविल लाइंस, सिटी एसपी, करोलबाग, केशवपुरम, नरेला व रोहिणी आते हैं। एनडीएमसी का अधिकार क्षेत्र 638.35 वर्ग किमी है व लगभग 73.50 लाख की जनसंख्या को कवर करता है। एनडीएमसी ने रिपोर्ट में कहा कि उनके पूरे क्षेत्र में 104 नगरपालिका वार्ड फैले हैं।

वह अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी कॉलोनियों में ठोस अपशिष्ट, निर्माण, विध्वंस अपशिष्ट व नाली गाद को इकट्ठा कर अलग करती है व उसको स्थानांतरित कर निपटान होता है। वह अन्य बातों के साथ अपने क्षेत्र में स्वच्छता के लिए जिम्मेदार है। एनजीटी ने एक याचिका पर एनडीएमसी से उसके क्षेत्र में कचरा निपटान के लिए किए गए उपायों पर जवाब मांगा था।

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