Delhi Sadar Bazaar Alert: सदर बाजार आने वाले ज्यादातर लोग नहीं लगा रहे मास्क

Delhi Sadar Bazaar Alert राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भले ही कम हों पर विशेषज्ञों द्वारा भी अगली यानी तीसरी लहर का अंदेशा जताया जा रहा है। इसे ध्यान में रखकर लोगों से कोरोना दिशा-निर्देशों के पालन की अपील की जा रही है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:29 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 10:29 AM (IST)
Delhi Sadar Bazaar Alert: सदर बाजार आने वाले ज्यादातर लोग नहीं लगा रहे मास्क
Delhi Sadar Bazaar Alert: सदर बाजार आने वाले ज्यादातर लोग नहीं लगा रहे मास्क

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी तो आई है, लेकिन हालात चिंताजनक बने हुए हैं। खासतौर से तीसरी लहर की आशंका से दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र सरकार दोनों चिंतित हैं। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले भले ही कम हों, पर विशेषज्ञों द्वारा भी अगली यानी तीसरी लहर का अंदेशा जताया जा रहा है। इसे ध्यान में रखकर लोगों से कोरोना दिशा-निर्देशों के पालन की अपील की जा रही है। हालांकि, मामले कम होने के साथ पूरी दिल्ली में लापरवाही देखने को मिल रहा है।

जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, अधिकतर लोग बिना मास्क और शारीरिक दूरी के ही घूम रहे हैं। इसके बीच सदर बाजार में रेहड़ी-पटरी वालों के बाजार में उमड़ती लोगों की भीड़ और उनके बीच लापरवाही दिल्ली वालों की चिंता बढ़ाने वाली है। रविवार को बाजार की दुकानें साप्ताहिक बंदी के कारण बंद रहती हैं, लेकिन भोर से ही इस बाजार में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी रही। चिंतित करने वाली बात यह कि इसमें अधिकांश लोग बिना मास्क के दिखाई दे रहे थे।

हैरानी की बात यह कि इन्हें टोकने के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम या दिल्ली पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी भी दिखाई नहीं दे रहे थे। यहां रक्षाबंधन के लिए राखियों के साथ ही परिधान, पर्स, सौंदर्य प्रसाधन के सामानों के साथ अन्य चीजें बिक रही थीं, जिन्हें खरीदने के लिए उत्तर प्रदेश व हरियाणा समेत अन्य राज्यों से लोग पहुंचे हुए थे।

इस संबंध में फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव ने कहा कि इनकी लापरवाही यहां के दुकानदारों की चिंताएं बढ़ाने वाली हैं, क्योंकि कई रेहड़ी-पटरी वाले बाद में बाजारों की दुकानें खुलने के बाद भी सड़कों पर जमा रहते हैं। इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

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