दिल्ली में कैसा रहने वाला है भारत बंद का असर, व्यापारी संगठनों ने दिया ये संकेत
सीटीआइ के महासचिव विष्णु भार्गव और रमेश आहूजा ने बताया कि महापंचायत में होटल बैंक्वेट रेस्त्रां ट्रान्सपोर्ट एसोसिएशन्स के साथ- साथ महिला कारोबारियों ने भी हिस्सा लिया। बृजेश गोयल ने बताया कि शुक्रवार को 100 से अधिक बाजारों में जीएसटी के मौजूदा प्रावधानों का विरोध किया जाएगा।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]।वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के मौजूदा प्रावधानों के खिलाफ 'भारत बाजार बंद' का असर दिल्ली में शुक्रवार को आंशिक रूप से दिखाई पड़ सकता है, क्योंकि दिल्ली के अधिकतर कारोबारी संगठनों ने इस बंद से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। इसकी जगह दिल्ली के बाजार सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगे। कारोबारी संगठन कंफेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस बंद का आह्वान किया है। नागपुर में कैट के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस निर्णय को लेकर शुरू से ही दिल्ली के कारोबारी संगठनों में उहापोह की स्थिति देखने को मिली रही है।
राष्ट्रीय राजधानी के बाजार लॉकडाउन, कोरोना वायरस और दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे कृषि कानून विरोधी आंदोलन से पहले से ही खराब स्थिति से गुजर रहे हैं ऐसे में अधिकतर संगठनों का मानना है कि एक दिन के बंद से उनके कारोबार पर विपरीत असर पड़ सकता है दूसरे कारोबारी संगठन बिना राय मशविरा के यह फैसला लिए जाने से भी नाराज हैं।
पहले कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में भारतीय उद्योग व्यापार मंडल दिल्ली द्वारा बुधवार देर शाम बुलाई गई बैठक में दिल्ली के विभिन्न बाजारों के व्यापारी संगठनों ने बंद की जगह सांकेतिक विरोध का निर्णय लिया तो शुक्रवार को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) द्वारा बुलाई गई व्यापारियों की महापंचायत में भी पंचों का यही फैसला निकला।
बैठक के बाद सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि वीडियो कांन्फ्रेंसिंग का आयोजन करके व्यापारियों की महापंचायत बुलाई गई थी, जिसमें दिल्ली की 240 बड़ी व्यापारिक संस्थाओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी के मौजूदा स्वरूप ने कारोबारियों की बेचैनी बढ़ा दी है। इसमें बहुत सारे नये नियम आ रहे हैं, जो कि व्यापारियों की दृष्टि से बहुत ही खतरनाक हैं। सीटीआई ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है, जिसमें महत्वपूर्ण बिन्दुओं का जिक्र किया गया है और साथ ही वित्त मंत्री से व्यापारियों ने मिलने का भी वक्त मांगा है।
महापंचायत में सभी ने सर्वसम्मति से ये निर्णय लिया कि जीएसटी के मौजूदा प्रावधानों का विरोध जारी रहेगा, लेकिन दिल्ली बंद करना इसका समाधान नहीं है। इसलिए शुक्रवार को दिल्ली में समस्त बाजार और दुकानें खुली रहेंगी। महापंचायत में चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, नया बाजार, खारी बावली, सदर बाजार, कमला नगर, कनाट प्लेस, नेहरू प्लेस, सरोजिनी नगर, गांधी नगर, खान मार्केट,शाहदरा, मायापुरी, लाजपत नगर, साउथ एक्स, रोहिणी, पीतमपुरा, तिलक नगर, कृष्णा नगर, मालवीय नगर , ग्रीन पार्क व ग्रेटर कैलाश समेत अन्य बाजारों के कारोबारी संगठनों ने हिस्सा लिया और सभी ने सर्वसम्मति से अपने अपने बाजारों को खोलने का फैसला किया।
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