होम आइसोलेशन में तो मच्छरों का पनपना पड़ सकता है भारी

निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह समय अपने आप को बचाने का है। जैसे हम मास्क और शारीरिक दूरी के नियम से कोरोना से बच सकते हैं ऐसे ही अपने घर में या कार्यस्थल पर मच्छरों की उत्पत्ति न हो इसके लिए साफ-सफाई रखकर काम कर सकते हैं।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 06:56 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 06:56 PM (IST)
होम आइसोलेशन में तो मच्छरों का पनपना पड़ सकता है भारी
कोरोना के साथ डेंगू-मलेरिया का भी अभी तक कोई इलाज नहीं है।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। कोरोना के मामले इतनी तेजी से बढ़ रहे हैं बड़ी संख्या में लोग घरों में होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। इसकी वजह से न तो वह पौधों को पानी दे पा रहे हैं और न ही घर की देखभाल कर पा रहे हैं। ऐसे में मच्छरजनित बीमारियां भी मुंह निकाल रही है। वहीं, अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया तो मुश्किल और ज्यादा हो सकती है। ऐसे में विशेषज्ञ होम आइसोलेशन के मरीजों को अपने आस-पास मच्छर जनित बीमारियों की उत्पत्ति रोकने की सलाह दे रहे हैं। क्योंकि कोरोना के साथ डेंगू-मलेरिया का भी अभी तक कोई इलाज नहीं है। वहीं, कोरोना और मच्छरजनित बीमारियों के काफी लक्षण हैं जो एक दूसरे मिलते भी हैं। जैसे तेज बुखार और मांसपेशियों में दर्द आदि।

जांच के लिए भी नहीं जा पा रहे हैं डीबीसी कर्मी

दक्षिणी निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह समय अपने आप को बचाने का है। जैसे हम मास्क और शारीरिक दूरी के नियम से कोरोना से बच सकते हैं ऐसे ही अपने घर में या कार्यस्थल पर मच्छरों की उत्पत्ति न हो इसके लिए साफ-सफाई रखकर काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें पता यह कठिन समय हैं, लेकिन अपने घर पर मच्छरों का प्रजनन हो इसको भी रोकना जरुरी है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) कर्मियों के माध्यम से हम घर में छतों की साफ-सफाई देख लेते थे, लेकिन कोरोना की वजह से डीबीसी कर्मी भी अलग-अलग कामों में लगे हैं तो वहीं जो लोग चेकिंग के लिए जा भी रहे हैं तो लोग कोरोना के चलते उन्हें अपने घर में प्रवेश नहीं दे रहे हैं। ऐसे में जरुरी है कि हम अपने घर पर खुद ही साफ सफाई रखें। क्योंकि, 14 दिन के होम आइसोलेशन में अगर आप इन चीजों का ध्यान नहीं रखते हैं तो मच्छरों का प्रजनन बढ़ेगा जिससे मच्छरजनित बीमारियां भी हो सकती है।

क्या हैं डेंगू-मलेरिया व चिकनगुनियां के लक्षण तेज बुखार और शरीर में प्लेटलेट्स का कम होना कमजोरी महसूस होना, भूख न लगना सिर दर्द मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द उल्टी आंखों के पीछे दर्द ग्रर्थियों में सूजन त्वचा पर लाल चकते पड़ना ठंड व कंपकपी के साथ बुखार गले में हल्का सा दर्द

क्या बरतनी चाहिए सावधानी

छत पर टूटे कप, गिलास, गमले आदि में पानी दो-तीन दिन से ज्यादा जमा न होने दे पक्षियों को पानी पिलाने वाले बर्तन का पानी प्रतिदिन बदलना कूलर में भी पानी का दो दिन में बदलना पूरी बाजू के कपड़े पहनकर सोना चाहिए

दिल्ली में पांच वर्षों में मच्छरजनित बीमारियों के आंकड़े

वर्ष- मलेरिया- डेंगू- चिकनगुनिया

2017-454-4726-559

2018-577-2798-165

2019-473-2036-293

2020-713-1072-111

2021-7-17-3

नोट: वर्ष 2017 से 2020 तक के आंकड़े एक जनवरी से 31 दिसंबर तक के हैं। वहीं, 2021 के मामले एक जनवरी से लेकर एक मई तक के हैं।

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