Delhi Air Pollution: दिल्ली में सांस लेने में तकलीफ के चलते हर सप्ताह अस्पताल में भर्ती हो रहे सात से ज्यादा मरीज

Delhi Air Pollution हवा में मौजूद प्रदूषण बढ़ाने वाले प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 में 10 यूनिट की बढ़ोत्तरी होने के कारण राजधानी में हर सप्ताह सात से ज्यादा मरीज सांस लेने में समस्या के चलते अस्पतालों में भर्ती होते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:05 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 10:48 AM (IST)
Delhi Air Pollution: दिल्ली में सांस लेने में तकलीफ के चलते हर सप्ताह अस्पताल में भर्ती हो रहे सात से ज्यादा मरीज
दिल्ली में सांस लेने में तकलीफ के चलते हर सप्ताह अस्पताल में भर्ती हो रहे सात से ज्यादा मरीज

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी में प्रदूषण से लोग परेशान हैं। हवा में मौजूद प्रदूषण बढ़ाने वाले प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 में 10 यूनिट की बढ़ोत्तरी होने के कारण राजधानी में हर सप्ताह सात से ज्यादा मरीज सांस लेने में समस्या के चलते अस्पतालों में भर्ती होते हैं। मौलाना आजाद मेडिकल कालेज (एमएएमसी) द्वारा किए गए एक अध्ययन में इस बात की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य पर प्रदूषण का प्रभाव जानने के लिए यह अध्ययन अप्रैल 2019 में शुरू किया गया था। एक अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक डीपीसीसी ने ही एमएएमसी को यह अध्ययन करने के लिए कहा था। 15 महीने तक चले अध्ययन के बाद इससे संबंधित रिपोर्ट तीन महीने पहले दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को सौंपी गई है।

एमएएमसी की सामुदायिक चिकित्सा विभाग की पूर्व डीन डा नंदिनी शर्मा के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में लोक नायक अस्पताल, बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल, गुरू तेग बहादुर अस्पताल (जीटीबी), दीन दयाल उपाध्याय, लाल बहादुर शास्त्री और मदन मोहन मालवीय अस्पताल में भर्ती मरीजों के आंकड़े एकत्रित किए गए।

इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) और प्रदूषक तत्वों के स्तर में बदलाव का अध्ययन किया गया। इसमें पता चला कि पीएम 2.5 में हुई 10 यूनिट की वृद्धि हर सप्ताह अस्पतालों में सांस संबंधी समस्याओं के चलते 7.09 लोगों के भर्ती होने का कारण बन रही है। साथ ही वायु प्रदूषण बढ़ने पर लोगों को फेफड़े और सांस संबंधी समस्याओं में भी वृद्धि होती है।जिससे अस्पतालों में भी इन समस्याओं के चलते मरीज होने लगते हैं। 

chat bot
आपका साथी