दिल्ली: दो महीने से लापता हाथी 'लक्ष्मी' को वन विभाग ने ढूंढ़ निकाला, महावत गिरफ्तार

वन विभाग ने हाथी लक्ष्मी को दिल्ली के यमुना खादर से ढूंढ़ निकाला। पुलिस ने उसके महावत को गिरफ्तार कर लिया है।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Wed, 18 Sep 2019 02:56 PM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 07:13 PM (IST)
दिल्ली: दो महीने से लापता हाथी 'लक्ष्मी' को वन विभाग ने ढूंढ़ निकाला, महावत गिरफ्तार
दिल्ली: दो महीने से लापता हाथी 'लक्ष्मी' को वन विभाग ने ढूंढ़ निकाला, महावत गिरफ्तार

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली वन विभाग ने दो महीने से लापता हाथी 'लक्ष्मी' (elephant Lakshmi) का सुराग लगा लिया है। वन विभाग ने यमुना खादर (Yamuna Khadar area) इलाके से हाथी को अपने कब्जे में ले लिया। डीसीपी ईस्ट जसमीत सिंह (Jasmeet Singh) ने बताया कि वन विभाग (forest officials) के अधिकारियों ने मंगलवार रात को हाथी 'लक्ष्मी' को खोज निकाला।

जसमीत सिंह (Jasmeet Singh) के अनुसार, हाथी को कब्जे में लेेेेने के बाद उसके महावत (mahout) को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, 47 वर्षीय लक्ष्मी पिछले दो महीने से लापता थी। उसके महावत के बारे में भी जानकारी नहीं मिल पा रही थी। वन विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि हाथी के लिए सर्च अभियान चलाया गया। मंगलवार को  यमुना खादर इलाके में लक्ष्मी के होने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथी को अपने कब्जे में ले लिया और महावत सद्दाम को पुलिस के हवाले कर दिया।

वन विभाग की टीम में 12 लोग शामिल थे। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें संदेह था कि दिल्ली-यूपी बार्डर के पास यमुना से सटे इलाके में हाथी को रखा गया है। इसलिए पुलिस को भी इस क्षेत्र में गश्त बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन स्थानों पर सर्च अभियान चलाया गया उनमें मयूर विहार, अक्षरधाम और शकरपुर शामिल है। लक्ष्मी को अंतिम बार छह जुलाई को देखा गया था।

ऐसे गायब हुई थी लक्ष्मी

जब वन विभाग की टीम लक्ष्मी को अपने कब्जे में लेने के लिए छह जुलाई को पहुंची तो कथित तौर पर हाथी के मालिक ने वन विभाग की टीम के साथ झड़प की और उसे नहीं ले जाने दिया। इसके बाद वह हाथी को लेकर कहीं छिप गया था। 

ये है पूरा मामला

दरअसल एक एनजीओ ने हाथियों को दिल्ली में अच्छा वातावरण न मिलने का आरोप लगाया था। इस पर वन विभाग ने दिल्ली के सभी छह हाथियों के मालिकों को नोटिस दिया था। विभाग ने हाथियों को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन मालिक हाई कोर्ट चले गए थे। कोर्ट के निर्देश पर कमेटी बनाई गई। कोर्ट ने कहा था कमेटी यह जांच करे कि हाथियों को उचित वातावरण मिल रहा है कि नहीं।

कमेटी ने भी रिपोर्ट दी कि हाथियों को उचित माहौल नहीं मिल पा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हाथियों के मालिक उनके रहने के लिए उचित व्यवस्था करें, नहीं तो वन विभाग इन्हें अपने कब्जे में ले ले, लेकिन वन विभाग इन्हें तब तक कब्जे में न ले, जब तक उनके रखने के लिए उचित प्रबंध न हो जाएं।

दिल्ली सरकार ने यूपी सरकार से मांगी थी अनुमति

इसके बाद दो हाथियों के मालियों ने बड़ौत (उत्तर प्रदेश) के पास दो जगहें बताई, जिन्हें कमेटी ने स्वीकार कर लिया। जब दिल्ली के वन विभाग ने उत्तर प्रदेश के वन विभाग से अनुमति मांगी तो उसने हाथियों को रखे जाने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद गुजरात और राजस्थान की सरकार से बात की गई। दोनों सरकारों से स्वीकृति मिलने के बाद तीन हाथी गुजरात व एक हाथी राजस्थान भेजा गया।

लक्ष्मी को भेजा जाएगा वन संतूर 

वन विभाग द्वारा चार नोटिस भेजने के बाद भी जब दो हाथियों के मालिकों ने उन्हें उचित तरह से रखे जाने का प्रबंध नहीं किया तो वन विभाग ने इन्हें कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू की। दिल्ली की सड़कों से इन्हें हटाने की प्रक्रिया के तहत जनवरी से अब तक पांच हाथी बाहर भेजे जा चुके हैं। अब केवल एक मादा हाथी लक्ष्मी ही बची है। अब इसे यमुनानगर (हरियाणा) के वन संतूर में भेज दिया जाएगा।

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