मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ने बदल दिया एडिशनल सेशन जज का निर्णय, जानिए क्या है पूरा मामला

कथित धोखाधड़ी के मामले में मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के निर्णय को एडिशनल सेशन जज ने बदल दिया है। एडीजे प्रशांत शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने अपने न्यायिक क्षेत्र के बाहर जाकर आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में रिवीजन याचिका स्वीकार कर ली है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 03:04 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 03:04 PM (IST)
मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट ने बदल दिया एडिशनल सेशन जज का निर्णय, जानिए क्या है पूरा मामला
कोर्ट ने अपने आदेश में रिवीजन याचिका स्वीकार कर ली है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कथित धोखाधड़ी के मामले में मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट के निर्णय को एडिशनल सेशन जज ने बदल दिया है। एडीजे प्रशांत शर्मा ने अपने आदेश में कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने अपने न्यायिक क्षेत्र के बाहर जाकर आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में रिवीजन याचिका स्वीकार कर ली है।

चार अगस्त को एडीजे प्रशांत शर्मा की अदालत में हुई बहस के दौरान कोर्ट ने पुलिस आयुक्त को भेजे गए नोटिस को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में माना कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में न्यायिक क्षेत्र के बाहर जाकर निर्णय दिया।

इससे पहले साकेत कोर्ट के मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट जितेंद्र प्रताप सिंह की अदालत ने सवाल उठाया था कि प्राथमिकी में कोई विशेष कारण नहीं बताया गया कि मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की ओर से क्यों दर्ज किया गया, जबकि यह संबंधित पुलिस थाने में दर्ज होना चाहिए था। अदालत ने इस मामले में पुलिस आयुक्त को जवाब दाखिल करने के लिए निर्देश दिए थे।

इसके अलावा अदालत ने पुलिस आयुक्त को 31 जुलाई तक विभिन्न अपराधों के संबंध में अपराध शाखा को एक साल में किए गए सभी मामलों की जांच की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। मामले के शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि नईम कुरैशी ने अन्य सह-आरोपितों के साथ मिलकर सुनियोजित आपराधिक साजिश रची और धोखाधड़ी करके उससे और उसके रिश्तेदारों से 77 लाख 60 हजार रुपये की ठगी की है।

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