दिल्ली के नामी अस्पताल के एमडी बोले- पिछली साल की तुलना में ज्यादा तेज है इस बार कोरोना की लहर

दिल्ली के नामी लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के एमडी डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि कोरोना की ताजा लहर पिछली साल की तुलना में ज्यादा तेज है। पिछले सप्ताह लोकनायक अस्पताल में सिर्फ 20 मरीज भर्ती हुए थे लेकिन वर्तमान में 170 हैं। ऐसे में बेड्स बढ़ाने की जरूरत है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 01:20 PM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 01:22 PM (IST)
दिल्ली के नामी अस्पताल के एमडी बोले- पिछली साल की तुलना में ज्यादा तेज है इस बार कोरोना की लहर
दिल्ली के नामी लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के एमडी डॉ. सुरेश कुमार।

नई दिल्ली, एएनआइ।  दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। आलम यह है कि दिल्ली में मंगलवार को 24 घंटे के दौरान 5100 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। वहीं, दिल्ली सरकार शहर में आगामी 30 अप्रैल तक रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। इस बीच दिल्ली के नामी लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. सुरेश कुमार (Dr. Suresh Kumar, MD, Lok Nayak Hospital, Delhi) का कहना है कि  कोरोना की ताजा लहर पिछली साल की तुलना में ज्यादा तेज है। पिछले सप्ताह लोकनायक अस्पताल में सिर्फ 20 मरीज भर्ती हुए थे, लेकिन वर्तमान में 170 मरीज हैं। ऐसे में बेड्स बढ़ाने की जरूरत है।

गौरतलब है कि 130 दिन बाद दिल्ली में कोरोना के मामले एक बार फिर पांच हजार के पार हो गए। मंगलवार को 5,100 नए मामले आए, जो पिछले 27 नवंबर के बाद सबसे अधिक है। 27 नवंबर को कोरोना 5,482 मामले आए थे, लेकिन खास बात यह है कि दिल्ली में पहली बार एक दिन में एक लाख से अधिक सैंपल की जांच की गई। इसका असर भी दिखा। जांच बढ़ी तो कोरोना की संक्रमण दर पांच फीसद से कम 4.93 फीसद हो गई, लेकिन मामले बढ़ने के कारण पिछले छह दिन में 22,632 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।

इस वजह से सक्रिय मरीजों की संख्या 17 हजार से ज्यादा हो गई है। 24 घंटे में 2,340 मरीज ठीक हुए। वहीं 17 मरीजों की मौत हो गई। इस वजह से छह दिनों में 86 मरीज कोरोना के कारण असमय काल के गाल में समा गए। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दिल्ली में अब तक छह लाख 85 हजार 62 मामले आ चुके हैं, जिसमें से अब तक छह लाख 56 हजार 617 मरीज ठीक हो चुके हैं। सक्रिय मरीज बढ़ने से मरीजों के ठीक होने की दर 96.22 फीसद से घटकर 95.84 फीसद हो गई है। 

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