Fight against corona: अब चिंता ना करें कोरोना के खिलाफ जंग में मास्क का हो सकेगा दोबारा इस्तेमाल

एम्स ने कुछ देशों में हुए शोध के आधार पर भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पीपीई किट के दोबारा इस्तेमाल को लेकर एक दिशा-निर्देश तैयार किया है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 03:40 PM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 03:40 PM (IST)
Fight against corona: अब चिंता ना करें कोरोना के खिलाफ जंग में मास्क का हो सकेगा दोबारा इस्तेमाल
Fight against corona: अब चिंता ना करें कोरोना के खिलाफ जंग में मास्क का हो सकेगा दोबारा इस्तेमाल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) की कमी के मामले भी सामने आ रहे हैं। हालांकि फिलहाल अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध है, फिर भी एम्स ने कुछ देशों में हुए शोध के आधार पर भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पीपीई किट के दोबारा इस्तेमाल को लेकर एक दिशा-निर्देश तैयार किया है।

एम्‍स ने दी जानकारी

इसके मुताबिक एन-95 मास्क सहित पीपीई किट में शामिल कई चीजों को संक्रमण मुक्त कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा। एम्स ने अपने दिशा-निर्देश में यह भी बताया है कि पीपीई किट को कैसे संक्रमण मुक्त किया जा सकता है।

मास्क ऐसे होगा संक्रमण मुक्त

एम्स ने बताया है कि संक्रमण मुक्त की सुविधा के लिए अस्पताल में दो कमरे ऐसे होने चाहिए जो एक-दूसरे से जुड़े हों। एक कमरे में संक्रमण मुक्त करने का काम होगा और दूसरे कमरे में स्वच्छ मास्क पैक किया जा सकेगा। इसके लिए एक कक्ष में हाइड्रोजन पैराक्साइड वेपर जनरेटर होना जरूरी है। जिसमें हाइड्रोजन पैराक्साइड इस्तेमाल से मास्क को संक्रमण मुक्त किया जा सकेगा। इस कार्य में जुटे कर्मचारियों को पीपीई किट इस्तेमाल करना होगा। साथ ही उन्हें हाइड्रोऑक्सीक्लोरोक्विन प्राफाइलेक्सिस (बीमारी के पहले बचाव के लिए दी जाने वाली दवा) दी जानी चाहिए। इस प्रक्रिया में और किन-किन चीजों की जरूरत पड़ेगी, यह भी बताया गया है। पीपीई किट में इस्तेमाल होने वाले फेश शील्ड व चश्मे को संक्रमण मुक्त करने की विधि भी बताई गई है।

96 घंटे हो सकेगा एक मास्क का इस्तेमाल

एम्स के डॉक्टर कहते हैं कि संस्थान में मास्क को संक्रमण मुक्त करने की सुविधा उपलब्ध है। यहां कर्मचारियों को एन-95 मास्क दिए हैं। एक मास्क का इस्तेमाल 96 घंटे हो सकेगा। इसके बाद उसे सुरक्षित पैक कर संस्थान को लौटाना होगा, जिसे संक्रमण मुक्त किया जाएगा।

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