Market Research Analyst: अगर आपके पास अच्छी कम्युनिकेशन स्किल है, तो इस फील्ड में बना सकते हैं चमकदार करियर
लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच इनदिनों कंपनियां ग्राहकों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखकर अपने प्रोडक्ट या सर्विस प्रदान कर रही हैं। इसके मुताबिक बिजनेस स्ट्रेटेजी बनाने के लिए उन्हें मार्केट रिसर्चर्स की जरूरत पड़ रही है जो ग्राहकों की पसंद-नापसंद का आकलन करते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले कुछ वर्षों से एक नया ट्रेंड देखा जा रहा है कि कंपनियां कोई भी नया बिजनेस या उत्पाद लाने से पहले उसका मार्केट सर्वे कराती हैं ताकि वे ग्राहकों के बदलते व्यवहार को समझकर खुद को आगे रख सकें। अपने ग्राहकों की मांगों को समझने, व्यापार के अधिक अवसरों का पता लगाने के साथ-साथ सही मार्केटिंग अभियान की योजना बनाने, नुकसान को कम करने और प्रतिस्र्पिधयों को ट्रैक करने में यह काफी हद तक मदद करता है। उदाहरण के लिए अगर कोई कंपनी अपना नया प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च करना चाह रही है, तो वह यह जानना चाहती है कि उसके उत्पाद को कौन खरीदेगा? उसके आदर्श ग्राहक कौन हैं? वे कितनी बार उसे खरीदेंगे? उन्हें क्या चाहिए? वे इस प्रोडक्ट या र्सिवस से क्या उम्मीद करते हैं? मार्केट में उस प्रोडक्ट की मांग कैसे उत्पन्न की जाए और बढ़ाई जाए?
बिजनेस को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कंपनियों के लिए ऐसे सवालों के जवाब तलाशना जरूरी हो गया है। इस तरह के जितने अधिक जवाब उनके पास होंगे, ग्राहकों के व्यवहार को समझने में उन्हें उतनी ही आसानी होगी और वे प्रतिस्र्पिधयों से खुद को आगे रख पाएंगे। मार्केट रिसर्च की इसी जरूरत को देखते हुए बड़ी कंपनियों में क्वालिफाइड और अनुभवी मार्केट रिसर्चर्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इस फील्ड में आजकल डाटा एनालिसिस और सॉफ्टवेयर में कुशल युवाओं के लिए करियर के बेहतरीन विकल्प उपलब्ध हैं।
क्या है मार्केट रिसर्च?: मार्केट रिसर्च एक तरह की मार्केटिंग तकनीक है, जिसमें सर्वे, एनालिसिस और ग्राहकों से बातचीत के माध्यम से नये प्रोडक्ट/सेवा के बारे में अहम सूचनाएं हासिल की जाती हैं। मार्केट रिसर्चर्स और एनालिस्ट मुख्य रूप से किसी प्रोडक्ट या र्सिवस का फीडबैक जुटाने का काम करते हैं, ताकि लक्षित ग्राहकों तक पहुंच कर कंपनियां उनसे लाभ उठा सकें। इसके लिए ये प्रोफेशनल क्लाइंट कंपनियों के सेल्स का ब्यौरा जुटाने से लेकर प्रतिस्पर्धी कंपनियों के प्रोडक्ट और र्सिवसेज की पूरी जानकारी इकट्ठा करते हैं, जैसे संबंधित कंपनी के प्रोडक्ट की कीमत, बिक्री, मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के तौर-तरीके इत्यादि। इस तरह का फीडबैक जुटाने के लिए ये रिसर्चर अपनी देखरेख में फील्ड सर्वे कराते हैं। इसके लिए रिसर्च डायरेक्टर, रिसर्च मैनेजर, रिसर्च एग्जीक्यूटिव, रिसर्च एनालिस्ट, फील्डवर्क मैनेजर/सुपरवाइजर तथा स्टेटिस्टिशियन/डाटा प्रोसेसिंग प्रोफेशनल की पूरी एक टीम होती है।
करियर संभावनाएं: मार्केट रिसर्च का पूरा काम रिसर्च, फील्ड वर्क और डाटा एनालिसिस के रूप में कुल तीन हिस्सों में बंटा होता है। रिसर्च स्ट्रीम का काम मार्केट से जुड़ी समस्याओं का पता लगाना और डाटा इकट्ठा करना होता है। वहीं, फील्ड वर्क के तहत फोन, मेल के जरिए या घर-घर जाकर एप के माध्यम से मार्केट सर्वे किया जाता है, जबकि डाटा एनालिसिस के तहत इकट्ठा की गई जानकारियों की एनालिसिस कर फाइनल रिजल्ट तक पहुंचना होता है। आप किसी बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन में मार्केट रिसर्च डायरेक्टर, मार्केट रिसर्च मैनेजर, मार्केट रिसर्च सुपरवाइजर या मार्केट एनालिस्ट, एप डेवलपर आदि बन सकते हैं। वैसे मार्केट रिसर्चर की इन दिनों कैम्ब्रिज एनालिटिका, आइएमआरबी, टीएनएस, नेल्सन जैसी मार्केट रिसर्च कंपनियों के अलावा फाइनेंस और इंश्योरेंस, इंफॉर्मेशन, मैनेजमेंट में भी अच्छी खासी मांग है।
शैक्षिक योग्यता: मार्केट रिसर्चर/ एनालिस्ट बनने के लिए मार्केटिंग या उससे संबंधित स्ट्रीम जैसे मैथ्स या स्टैटिस्टिक्स में स्नातक होना चाहिए। इसके अलावा, कोई और कोर्स कर रहे हों, तो उसमें बिजनेस, मार्केटिंग रिसर्च, मैथमेटिक्स या सर्वे डिजाइन जैसे विषय होने चाहिए। वे लोग, जो फील्ड वर्क करना चाहते हैं, उनके पास मोबाइल एप पर काम करने, अंग्रेजी में लिखने-पढ़ने के अलावा अच्छी कम्युनिकेशन स्किल होनी चाहिए। वैसे बीबीए, एमबीए तथा डाटा साइंस जैसे कोर्स करने वालों के लिए यह सबसे उपयुक्त फील्ड है। जिन स्टूडेंट्स को डाटा एनालिसिस की नॉलेज है और इसके साथ-साथ अच्छी पब्लिक र्डींलग आती है, वे भी इस फील्ड में एंट्री पा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान
एपीजे स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, नई दिल्ली
www.apeejay.edu
मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, अहमदाबाद
www.mica.ac.in
नरसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
www.nmims.edu
बढ़ रही रिसर्चर्स की डिमांड: नई दिल्ली के एक्यूमस रिसर्च बिजनेस सॉल्यूशन एवं कंसल्टेंसी के डायरेक्टर आशीष तिवारी ने बताया कि मार्केट रिसर्च की डिमांड आजकल बहुत बढ़ गई है। सभी तरह की कंपनियां, चाहे वह फूड कंपनी हो या टेक्सटाइल, आटो और मोबाइल कंपनी, हर कंपनी मार्केट सर्वे के माध्यम से यह जानना चाहती है कि कहां पर किस तरह की डिमांड है? किस तरह के ग्राहक किस वस्तु का इस्तेमाल कर रहे हैं? आगे उनकी अपेक्षाएं क्या होंगी? किस तरीके से वे किस मार्केट में जा सकते हैं? मार्केट रिसर्च का कामकाज भी अब तेजी से डिजिटल पैटर्न पर होने लगा है। पहले जो काम पेपर पर होता था, वह अब मोबाइल, एप के माध्यम से होने लगा है। इसलिए फील्डवर्क में भी स्किल्ड लोगों की ज्यादा जरूरत पड़ रही है। वैसे, एमबीए और ग्रेजुएशन की पृष्ठभूमि वाले युवाओं के लिए इस फील्ड में बहुत संभावनाएं हैं।
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