Bharat Bandh: दिल्ली में प्रदर्शनकारियों के हाथ लगी निराशा, बाजारों में नहीं दिखा बंद का असर
कृषि कानून के विरोध में भारत बंद का दिल्ली के बाजारों में कोई खास असर नहीं है। चांदनी चौक खारी बावली सदर बाजार लाजपत नगर लक्ष्मी नगर समेत सभी बाजार खुले रहे। दिल्ली के बाजार संगठनों ने जहां पहले से ही इससे किनारा कर लिया था।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। तीन कृषि कानून के विरोध में भारत बंद का दिल्ली के बाजारों में कोई खास असर नहीं है। चांदनी चौक, खारी बावली, सदर बाजार, लाजपत नगर, लक्ष्मी नगर समेत सभी बाजार खुले रहे। दिल्ली के बाजार संगठनों ने जहां पहले से ही इससे किनारा कर लिया था। साथ ही स्पष्ट कह दिया था कि 27 सितंबर को वह आम दिनों की तरह कारोबारी प्रतिष्ठान खुली रखेंगे। वहीं, उन्होंने कोरोना महामारी के झटके से उबरने की कोशिशों में जुटी देश की अर्थव्यवस्था के लिए इस बंद के आह्वान की आलोचना की है।
कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने दो टूक कहा कि अड़ियल रूख से किसी भी समस्या का समाधान संभव नहीं है। यह सत्य है कि किसान आंदोलन अब अप्रासंगिक हो गया है और इसके कथित रूप से लंबे चलने से देश की अर्थव्यवस्था के साथ किसानों का बड़ा नुकसान हो रहा है।
उन्होंने किसान नेताओं को सलाह दी है कि वो संघर्ष छोड़कर सरकार से बातचीत के रास्ते तलाशें। भरतिया व खंडेलवाल ने बताया कि भारत बंद को लेकर किसी भी किसान संगठन ने न तो हमसे संपर्क किया, न ही व्यापारियों द्वारा किसानों के मुद्दे पर व्यापार बंद करने का कोई मन है। वैसे बाजार खुले तो जरूर रहे, लेकिन दूसरे राज्यों से आने वाले खरीदारों की संख्या कम रहीं। क्योकि सीमाओं पर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम है।
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