Delhi Politics: दिल्ली में भाजपा की रायशुमारी की निष्पक्षता पर अपने उठा रहे सवाल
दिल्ली में संगठन को मजबूत करने के लिए भाजपा नेतृत्व ने मंडल व जिलों में जमीनी स्तर पर काम करने वाले युवा नेतृत्व को आगे लाने का फैसला किया है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। जिला व मंडल अध्यक्षों के चयन में गुटबाजी व विवाद को खत्म करने के लिए भाजपा इस बार रायशुमारी का सहारा ले रही है। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर सूची को अंतिम रूप देने की कवायद चल रही है। कार्यकर्ताओं को भी नाम घोषित होने का इंतजार है। वहीं, कुछ लोग इस प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करने लगे हैं। वह प्रदेश के बड़े नेताओं पर रायशुमारी की प्रक्रिया को बाधित करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने इसकी शिकायत प्रदेश नेतृत्व के साथ ही राष्ट्रीय पदाधिकारियों से भी की है।
गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी नेतृत्व ने मंडल व जिलों में जमीनी स्तर पर काम करने वाले युवा नेतृत्व को आगे लाने का फैसला किया है। नियुक्ति पर किसी तरह का विवाद नहीं हो इसके लिए पार्टी ने मंडलों के साथ ही जिलों में रायशुमारी कराई है। अब नाम फाइनल करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता व संगठन महामंत्री सिद्धार्थन के साथ राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह व महिला मोर्चा अध्यक्ष विजया रहाटकर चर्चा कर रहे हैं। इस बीच कई जिलों में नेताओं की नाराजगी भी सामने आने लगी है।
उत्तर -पश्चिमी जिला के कुछ नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र भी लिखा है। इसमें लिखा है कि एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश कोर ग्रुप के सदस्य ने जिला अध्यक्ष के माध्यम से नेताओं पर दबाव डालकर अपनी पसंद के लोगों का नाम दर्ज कराया है। इसलिए इस रायशुमारी को निरस्त किया जाए। इसी तरह से महरौली, शाहदरा में भी गड़बड़ी के आरोप लगे हैं।