DU admission 2021-22: अपने पसंदीदा विश्वविद्यालय में दाखिले वंचित होंगे कई लाख छात्र-छात्राएं
साल दर साल 12वीं कक्षा में 95 फीसद से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा और कालेजों में दाखिले के लिए 100 फीसद कटआफ ने उन छात्रों की समस्या बढ़ा दी है जिनके अंक 90 फीसद या उससे नीचे हैं।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। दिल्ली विश्वविद्यालय। सपनों की उड़ान का पहला कटआफ 100 फीसद। दूसरा कटआफ भी बस जरा सा नीचे गया। सीटें तेजी से भर रही हैं। इसी के साथ डीयू में दाखिला लेने का हजारों छात्रों का सपना ‘कट आफ’ हो रहा है। ये छात्र कालेजों के प्रमुख कोर्सो में दाखिला लेने से वंचित हो रहे हैं। वहीं केरल बोर्ड के छात्रों ने पहले कटआफ में ही कई पाठ्यक्रमों में बड़ी संख्या में यहां दाखिला ले लिया। ऐसा इसलिए कि केरल बोर्ड अपने छात्रों को अधिक अंक देता रहा है, जिसके कारण उसके बहुत से छात्रों को 100 फीसद अंक मिले हैं। इस बार डीयू का कटआफ ऊंचा होने की वजह कहीं न कहीं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का 12वीं का परिणाम बहुत अच्छा होना भी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में जहां एक ओर देश के किसी एक बोर्ड के छात्रों को बड़ी संख्या में सीटें मिल रही हैं, वहीं दिल्ली-एनसीआर या आसपास के क्षेत्रों के वे छात्र जिनके लिए डीयू में दाखिला लेना पहली पसंद होता है, अच्छे अंक हासिल करने के बावजूद 100 फीसद अंक न होने के कारण दाखिला नहीं ले पा रहे हैं। 90 फीसद अंक हासिल करके भी छात्रों के अवचेतन में एक बात घर करती जा रही है कि 100 फीसद अंक ही मानदंड है। हम स्कूल शिक्षा में अधिक अंक की भी बात कर रहे हैं और इसके परिणाम फिर ऊंचे कटआफ के रूप में सामने आ रहे हैं। आखिर अंकों की 100 फीसद दौड़ से कैसे भविष्य तय होगा? दिल्ली-एनसीआर में उच्च शिक्षा के ढांचे को मजबूत क्यों नहीं किया जाता? क्यों उच्च शिक्षा के और बेहतर विकल्प तैयार नहीं हो रहे? आखिर क्यों सिर्फ कटआफ ही दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला का आधार बना हुआ है?
साल दर साल 12वीं कक्षा में 95 फीसद से अधिक अंक पाने वाले छात्रों की संख्या में इजाफा और कालेजों में दाखिले के लिए 100 फीसद कटआफ ने उन छात्रों की समस्या बढ़ा दी है, जिनके अंक 90 फीसद या उससे नीचे हैं। आवेदन और उपलब्ध सीटों के बीच एक बड़ा फासला बन गया है। दिल्ली एनसीआर में कितनी है कालेजों-विश्वविद्यालयों की संख्या, कितने छात्र करते हैं आवेदन, जरूरत के मुताबिक कालेजों की संख्या में कितना हुआ है इजाफा, कितने छात्र 95 फीसद अंकों से इस बार हुए हैं उत्तीर्ण, आंकड़े साफ-साफ कह रहे हैं।
बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में इन दिनों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। बेहद कम सीटों के होने के चलते लाखों छात्र-छात्राओं को अपने पसंदीदा विश्वविद्यालय में दाखिले से वंचित रहना होगा।