पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मनाया, रोका तो दो भाइयों को बुरी तरह पीटा

पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत पर राजधानी में पटाखे फोड़ने के बाद अब मारपीट का मामला भी सामने आया है। दो सगे भाइयों को इसलिए बुरी तरह से पीट दिया गया क्योंकि उन्होंने आरोपितों को जीत का जश्न मनाने से रोका था।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 01:29 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 01:29 PM (IST)
पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मनाया, रोका तो दो भाइयों को बुरी तरह पीटा
पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मनाया, रोका तो दो भाइयों को बुरी तरह पीटा

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पाकिस्तान क्रिकेट टीम की जीत पर राजधानी में पटाखे फोड़ने के बाद अब मारपीट का मामला भी सामने आया है। दो सगे भाइयों को इसलिए बुरी तरह से पीट दिया गया, क्योंकि उन्होंने आरोपितों को जीत का जश्न मनाने से रोका था। वारदात सीलमपुर इलाके की है। बुधवार सुबह पड़ोसियों ने दीपक और उसके भाई नवीन को बुरी तरह से मारा। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित फरार हो गए। गंभीर हालत में दोनों को जग प्रवेश चंद अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां से उन्हें जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया।

पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर आरोपित रफीक और उसके दो बेटों चांद व समीर को गिरफ्तार किया है। पीड़ित भाइयों का आरोप है कि आरोपित टी-20 मैच में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम की जीत का जश्न मना रहे थे, उन्होंने विरोध किया तो उनपर हमला कर दिया।

इस घटना पर जिला पुलिस उपायुक्त संजय कुमार सेन ने बताया कि कबूतरबाजी और पतंबाजी को लेकर झगड़ा हुआ था, इंटरनेट मीडिया पर इस मामले को कोई दूसरा रंग देने का प्रयास न करें। जानकारी के अनुसार, दीपक अपने परिवार के साथ सीलमपुर में रहते हैं। उनके पड़ोस में रफीक अपने परिवार का साथ रहता है। बुधवार सुबह रफीक के बेटों का दीपक के भाई नवीन से विवाद हो गया। आरोपित देख लेने की धमकी देकर वहां से चले गए। आरोप है कि कुछ देर के बाद चांद और समीर ने अपने घर की छत से उनके घर पर पत्थरबाजी कर दी। जब पीड़ितों ने घर के बाहर आकर विरोध किया तो रफीक और उसके दोनों बेटों ने दोनों भाइयों पर हमला कर दिया। वारदात के बाद आरोपित फरार हो गए।

दोनों घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां दीपक के सिर में आठ टांके आए हैं। पीड़ितों का आरोप है कि पाक टीम की जीत के बाद से ही आरोपित जश्न मना रहे हैं, उनके विरोध जताने पर वह लगातार धमकियां दे रहे थे। पुलिस का कहना है ट्विटर पर कुछ वीडियो वायरल हो रही हैं, जिसमें इस मामले को सांप्रदायिक बनाया जा रहा है। जबकि ऐसा नहीं है।

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