हनी ट्रैप में फंसाकर 20 लोगों से वसूले लाखों रुपये, इंटरनेट मीडिया के जरिए ऐसा बनाता था निशाना

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सेक्सटार्शन मामले में सरगना नीरज को गिरफ्तार किया है। गिरोह में दो युवती समेत छह सदस्य हैं। आरोपित लड़की के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगोें को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज अपने जाल में फंसाते थे।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 06:44 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 06:44 PM (IST)
हनी ट्रैप में फंसाकर 20 लोगों से वसूले लाखों रुपये, इंटरनेट मीडिया के जरिए ऐसा बनाता था निशाना
हनी ट्रैप में फंसाकर 20 लोगों से वसूले लाखों रुपये

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सेक्सटार्शन मामले में सरगना नीरज को गिरफ्तार किया है। गिरोह में दो युवती समेत छह सदस्य हैं। आरोपित, लड़की के नाम से फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगोें को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज अपने जाल में फंसाते थे। प्रत्येक ग्राहक से गिरोह पांच से दस लाख रुपये वसूलता था। डेढ़ साल के दौरान सरगना ने करीब 20 लोगों से लाखों रुपये वसूलने की बात स्वीकारी है। 

डीसीपी धीरज कुमार के मुताबिक नीरज बहादुरगढ़, हरियाणा का रहने वाला है। इसके पास से एक मोबाइल फोन, चार सिमकार्ड, एक डेबिट कार्ड, एक स्कूटी और ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल की गई हाथ से लिखी स्क्रिप्ट बरामद की गई है।

29 नवंबर को एक पीड़ित ने पश्चिम विहार थाने में शिकायत कर बताया था कि उन्हें हनी ट्रैप में फंसाकर कुछ लोगों ने तीन लाख वसूल लिए। 1.5 लाख उन्होंने नकद और शेष डेढ़ लाख आरोपित के बैंक खाते में ट्रांसफर किया था। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस तरह की घटनाएं इन दिनों काफी तेजी से हो रही हैं। सेक्सटार्शन के धंधे से जुड़े आरोपित भोले भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं। अधिकतर पीड़ित शिकायत करने से बचने हैं क्योंकि उन्हें सामाजिक कलंक का डर होता है।

पूछताछ से पता चला कि आरोपितों ने अवैध गतिविधियों को चलाने के लिए पश्चिम विहार में किराए पर एक फ्लैट लिया हुआ था। तीन दिसंबर को जांच के बाद पीवीआर सिनेमा, सेक्टर-14, प्रशांत विहार, रोहिणी के पास से नीरज को पकड़ लिया गया। वह पहले एक बैंक्वेट हॉल में बार टेंडर का काम करता था। इसका आपराधिक इतिहास रहा है। इसके खिलाफ हरियाणा में आर्म्स एक्ट के दो मामले पहले से दर्ज हैं।

नीरज, गिरोह का सरगना है। इस गिरोह ने पहले लॉकडाउन से पहले अपनी गतिविधियां शुरू की थी। आरोपित, लड़की के नाम से फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे। फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के बाद वे पीड़ित के साथ फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से लड़की होने का नाटक करते थे। पीड़ित का मोबाइल नंबर मिलने के बाद उन्हें लुभाने के लिए वे अश्लील सामग्री भेजना शुरू कर देते थे। गिरोह की महिला सदस्य पीड़ित को लुभाने के लिए वीडियो कॉल करती थी। आरोपित बार-बार पीडित से बात कर पता लगा लेते थे कि वे कितने पैसे वाले हैं। इसके बाद गिरोह की महिला सदस्य पीड़ित को यौन गतिविधि के लिए आमंत्रित करती थी।

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