मैला ढोने की कुप्रथा के खिलाफ मुहिम में मिलेगा महानायक अमिताभ बच्चन का साथ

विल्सन ने पूरे देश में भीम यात्रा निकाली और 1600 लोगों की पहचान की जिनका निधन टैंक की सफाई के दौरान हुआ था। इनके परिजनों को मुआवजा दिलाने तथा देश से मैला ढोने की कुप्रथा को पूरी तरह से खत्म करने को लेकर विल्सन की संघर्ष यात्रा जारी है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 08:13 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 09:17 AM (IST)
मैला ढोने की कुप्रथा के खिलाफ मुहिम में मिलेगा महानायक अमिताभ बच्चन का साथ
37 सालों से जनआंदोलन चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बेजवाड़ा विल्सन की मुहिम को अमिताभ आवाज देंगे।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। मैला ढोने की कुप्रथा के खिलाफ 37 सालों से जनआंदोलन चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बेजवाड़ा विल्सन को सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का साथ मिलेगा। उनके आंदोलन से प्रभावित अमिताभ ने इससे जुड़ने की इच्छा जताते हुए कहा है कि वह मैला ढोने की कुप्रथा के खिलाफ जागरूकता की इस मुहिम में सहभागी बनेंगे। वह इसके लिए विशेष संदेश जारी करेंगे। पटेल नगर में रहने वाले रैमन मैग्सेसे पुरस्‍कार विजेता बेजवाड़ा विल्सन कौन बनेगा करोड़पति- सीजन 11 में "कर्मवीर स्पेशल' एपिसोड में आमंत्रित किया गया था। इस एपिसोड का प्रसारण शुक्रवार को किया जाएगा। इसमें उनका साथ क्राइम पेट्रोल धारावाहिक के अनूप सोनी दे रहे हैं।

पुनर्वास के लिए संघर्ष

सफाई कर्मचारी आंदोलन के संस्थापक संयोजक बेजवाड़ा विल्सन मैला ढोने की प्रथा के खिलाफ लड़ रहे हैं और इस काम में फंसे लोगों के पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनका जन्म कर्नाटक की कोलार गोल्ड फील्ड्स में हुआ था और वो मैला ढोने वाले समुदाय से हैं। वो देखते थे कि बहुत से बच्चे स्कूल छोड़कर मैला ढोने का काम कर रहे हैं। उनके घर के लोग भी यहीं काम करते थे। ऐसे में वर्ष 1982 ने इसके खिलाफ सार्वजनिक तौर पर आवाज उठानी शुरू की। वर्ष 1983 में इसे लेकर कानून भी बना, पर यह जमीन पर नहीं उतर सका। तब इसे लेकर उन्होंने लोगों को जोड़ना शुरू किया।

कुप्रथा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल

वर्ष 2003 में इस कुप्रथा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की। लंबे कानूनी संघर्ष के बाद आखिरकार वर्ष 2014 में इसे लेकर फैसला आया जिसमें मैला ढोने पर प्रतिबंध लगाने के साथ वर्ष 1993 के बाद से अब तक सीवर सफाई के दौरान दम तोड़ने वाले सफाई कर्मियों की पहचान कर उनके घरवालों को मुआवजा देने का आदेश था। पर इसपर भी वर्ष 2015 तक कुछ काम नहीं हुआ।

पूरे देश में निकाली भीम यात्रा 

तब विल्सन ने पूरे देश में भीम यात्रा निकाली और 1600 से अधिक ऐसे लोगों की पहचान की, जिनका निधन सीवर या टैंक की सफाई के दौरान हुआ था। इनके परिजनों को मुआवजा दिलाने तथा देश से मैला ढोने की कुप्रथा को पूरी तरह से खत्म करने को लेकर विल्सन की संघर्ष यात्रा जारी है। विल्सन ने बताया कि अमिताभ बच्चन इस कुप्रथा से व्यथित और उनके आंदोलन को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने खुद इससे जुड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने इसके लिए एक संदेश लिखकर देने को कहा है, जिसे वह अपनी आवाज देंगे।

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