कोरोना महामारी में नन्हें मददगारों ने गुल्लक तोड़ कर की जरूरतमंदों की मदद, लोग कर रहे तारीफ
आन्या के मुताबिक उन्हें व उनके भाई को जन्मदिन पर किसी खास अवसर पर मेहमानों या नाते-रिश्तेदारों द्वारा आशीर्वाद के तौर पर रुपये मिलते थे। उन्होंने व उनके भाई ने इन रुपयों को खिलौनों पर खर्च करने की बजाय गुल्लक में जमा किया था।
नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। कोरोना महामारी में लोग जरूरतमंदो की मदद के लिए हर तरह के प्रयास कर रहे हैं। अब इसी कड़ी में नन्हें मददगार भी जरूरतमंदो की मदद के लिए आगे आए हैं। गोविंदपुरी के रहने वाले भाई-बहन ने अपनी गुल्लक में जमा की गई राशि को जरूरतमंदो की मदद के लिए दान की। अंश और आन्या ने अपना रुपयों से भरा गुल्लक एक स्वयं सहायता समूह को दान किया। उन्होंने बताया कि इसमें लगभग दोनों ने मिलकर 2500 रुपए जोड़े थे। लेकिन जरूरतमंदों की मदद के लिए गुल्लक को तोड़ दिया और गरीबों मजदूरों की मदद की। आठ साल के अंश और नौ साल की आन्या गोविंदपुरी स्थित संत निरंकारी पब्लिक स्कूल के छात्र हैं।
आन्या के मुताबिक वो रोज टीवी पर खबरें देखती थी जिसमें लोग बस चारों तरफ से मदद की गुहार लगा रहे थे। ऐसे में एक दिन उन्होंने अपनी मां से सवाल पूछा कि देश में क्या हो रहा है और लोग रो क्यों रहे हैं, उन्हें क्या मदद चाहिए। तब उनकी मां ने बताया कि दुनिया भर में एक बिमारी फैली हुई है। जिसकी वजह से कई लोग घरों में कैद हो गए हैं। कई अस्पतालों में भर्ती हैं। जो गरीब घरों में कैद हैं उनके पास खाने को भोजन नहीं है। तो उन्होंने अपनी मां से कहां था कि वह लोगों की मदद करना चाहती हैं।
आन्या के मुताबिक उन्हें व उनके भाई को जन्मदिन पर, किसी खास अवसर पर मेहमानों या नाते-रिश्तेदारों द्वारा आशीर्वाद के तौर पर रुपये मिलते थे। उन्होंने व उनके भाई ने इन रुपयों को खिलौनों पर खर्च करने की बजाय गुल्लक में जमा किया था। उन्होंने इन्हीं रूपयों को लोगों की मदद के लिए दे दिया। वो कहती हैं कि उन्हें अभी बहुत से लोगों की मदद करनी है पर अब गुल्लक तुट चुकी है तो वो और उनका भाई अंश भगवान से रोज प्रार्थना करते हैं कि इस महामारी से दुनिया जल्दी जंग जीत ले।