Delhi Oxygen Crisis: आक्सीजन के मामले में आमने सामने आए एलजी और उपमुख्यमंत्री
Delhi Oxygen Crisis उपमुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता कर पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल पर केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली सरकार की उस समिति को दूसरी बार नामंजूर करने का आरोप लगाया दिल्ली सरकार ने जिसे कोरोना के दौरान आक्सीजन की कमी से मौत की जांच करने के लिए बनाया था।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। आक्सीजन की कमी से हुईं मौत मामलें में जांच समिति गठित करने के मुद्दे पर शुक्रवार को उपराज्यपाल कार्यालय और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आमने सामने आ गए। उपमुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता कर पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल पर केंद्र सरकार के इशारे पर दिल्ली सरकार की उस समिति को दूसरी बार नामंजूर करने का आरोप लगाया, दिल्ली सरकार ने जिसे कोरोना के दौरान आक्सीजन की कमी से हुईं मौत की जांच करने के लिए बनाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उनसे आक्सीजन की कमी से मौत के आंकडे़ मांग रही है और दूसरी तरफ इसकी जांच नहीं होने दे रही है।
इस प्रेस वार्ता के तुरंत बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल की ओर से उनके कार्यालय से कड़ी प्रतिक्रिया आई। जिसमें कहा गया कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भ्रामक बयान दे रहे हैं। एलजी कार्यालय ने कहा कि केंद्र सरकार या एलजी आक्सीजन की कमी से हुई मौत पर जांच करवाना चाहते हैं। हमने जो छह जुलाई को कहा था उसे फिर से 19 अगस्त को दोहराया गया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसमें जाने-माने डाक्टर, दिल्ली के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) भी सदस्य हैं, जो इस मामले को देख रहे हैं। समिति ने अभी अंतरिम रिपोर्ट दी है और अंतिम रिपोर्ट तैयार कर रही है। एलजी कार्यालय ने कहा कि समिति को अपना काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए, दूसरी समिति बनाने से भ्रम पैदा होगा। एलजी ने दिल्ली सरकार को कोर्ट के आदेशों का पालन करने की सलाह दी है।
एलजी कार्यालय के बयान के बाद मनीष सिसोदिया ने फिर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि आक्सीजन की कमी से मौत पर जांच समिति को खारिज करने के एलजी कार्यालय से आए बयान पर कहा कि यह स्पष्ट है कि केंद्र सरकार के दबाव में उपराज्यपाल कार्यालय दिल्ली में आक्सीजन की कमी के कारण मौत की जांच को रोकने की कोशिश कर रहा है।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति का दायरा केवल दिल्ली में आक्सीजन की आपूर्ति के मुद्दों को देखना है, न कि दिल्ली के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी के कारण होने वाली मौत की संख्या या सत्यता की जांच करना है। सिसोदिया ने कहा कि केंद्र एक तरफ दिल्ली सरकार से आक्सीजन से होने वाली मौत के कारण आंकड़ा जमा करने के लिए कह रहा है। दूसरी ओर दिल्ली सरकार को इस जानकारी को संकलित करने से रोकने के लिए एलजी के कार्यालय का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आक्सीजन की कमी से हुईं मौत का सच छुपाने के लिए केंद्र इतना बेताब क्यों है।
बता दें कि इससे पहले उपमुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता कर कहा था कि दिल्ली सरकार ने आक्सीजन की कमी से हुईं मौत की जांच करने के लिए समिति इसलिए भी बनाई थी कि जांच कर पीडि़त परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जा सके, लेकिन एलजी साहब ने इस समिति को फिर से खारिज कर दिया है। उन्होंने इस बाबत केंद्र सरकार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व गृह मंत्री को पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा कि अप्रैल-मई के महीने में केंद्र सरकार ने देश में आक्सीजन प्रबंधन ठीक से नहीं किया, यह जानबुझकर किया या गलती से किया, ये जांच का विषय है, पर उस दौरान जो कुप्रबंधन हुआ और लोगों की आक्सीजन की कमी से जान गई उसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार है।