Kanhaiya Kumar News: कन्हैया के कांग्रेस में जाने से जेएनयू के वामपंथी छात्र संगठन नाखुश

आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बाला जी ने सीधी आलोचना से बचते हुए कहा कि वो किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। किसे किस पार्टी में शामिल होना है ये पूरी तरह व्यक्तिगत निर्णय है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 06:19 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 07:43 AM (IST)
Kanhaiya Kumar News: कन्हैया के कांग्रेस में जाने से जेएनयू के वामपंथी छात्र संगठन नाखुश
Kanhaiya Kumar News: कन्हैया के कांग्रेस में जाने से जेएनयू के वामपंथी छात्र संगठन नाखुश

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व वाम नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से वामपंथी छात्र संगठन नाखुश हैं। विचारधारा के स्तर पर कांग्रेस पार्टी से खुद को अलग बताने वाले वाम छात्र संगठन इससे खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। हालांकि, जेएनयू में सक्रिय कुल चार छात्र संगठनों में से एक डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन यानी डीएसएफ के अलावा अन्य वाम छात्र संगठन फिलहाल पूरे प्रकरण पर खुलकर बोलने से परहेज कर रहे हैं।

डीएसएफ ने बयान जारी कर कन्हैया कुमार के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के निर्णय की आलोचना की है। बयान में उसने कहा है कि जेएनयू में 2016 की घटना के बाद कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया था। तब उन्होंने पूंजीवाद-मनुवाद से आजादी का नारा दिया था। अब वो कांग्रेस में शामिल हो गए जो विचारधारा के स्तर पर उचित नहीं है। डीएसएफ ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी आजादी के दौरान के संघर्षों और मूल्यों से बहुत दूर जा चुकी है।

वहीं, आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बाला जी ने सीधी आलोचना से बचते हुए कहा कि वो किसी पर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। किसे किस पार्टी में शामिल होना है ये पूरी तरह व्यक्तिगत निर्णय है। वामपंथ पर इसका कोई असर नहीं होगा, क्योंकि यह एक विचारधारा है। हालांकि, कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआइ के जेएनयू इकाई इस मामले को बड़ी संभावना के तौर पर ले रही है। इसके अध्यक्ष प्रशांत ने कहा कि कन्हैया के इस निर्णय का स्वागत करते हैं, क्योंकि वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार लिया गया यह उचित निर्णय है।

उन्होंने बचाव करते हुए कहा कि केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो छात्र संगठनों को पूरी आजादी थी। यही कारण है कि उस समय जेएनयू में वामपंथी छात्र संगठन ही अलग-अलग चुनाव लड़ते थे, लेकिन केंद्र में भाजपा के आने के बाद वामपंथी छात्र संगठन किसी तरह मिलकर मुकाबला कर रहे हैं। इसके पहले भी वामपंथी छात्र संगठन से जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष का सफर तय करने वाले छात्र नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं। इनमें एसएफआइ के देवी प्रसाद त्रिपाठी, शकील अहमद खान, बत्ती लाल बैरवा, नसीर हुसैन प्रमुख हैं। आइसा के झंडे तले जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष बनने वाले कई छात्र नेता भी कांग्रेस में शामिल हुए। इनमें संदीप ¨सह, मोहित पांडेय हैं।

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